रूस-यूक्रेन दोनों से घनिष्ठ संबंध की बात क्यों कर रहा भारत, दुनिया को जयशंकर का क्या संदेश?…

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को दो साल से अधिक का वक्त हो गया है।

इतने वक्त बाद भी न तो व्लादिमीर पुतिन ने अपनी जिद छोड़ी है और न ही यू्क्रेनी प्रेजिडेंट वलोडोमिर जेलेंस्की ने अपनी हार कबूली है।

अमेरिकी और पश्चिमी देशों की मदद से यूक्रेन रूस के घातक हथियारों और बमबारी का डटकर सामना कर रहा है। दुनियाभर के देश इस महायुद्ध को खत्म करने की तमाम कोशिश कर चुके हैं लेकिन, नतीजा अभी तक नहीं निकला।

भारत ने भी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने की कोशिश की है लेकिन, अभी तक सफलता नहीं पाई। इस बीच टोक्यो में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया के सामने नया संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में यूक्रेन और रूस के साथ और अधिक संपर्क रखेगा क्योंकि दोनों पक्षों से बातचीत करने वाले देशों का इस तरह का संपर्क उनके बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

जयंशकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगले माह यूक्रेन का दौरा करने की संभावना जताई जा रही है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का रुख यह रहा है कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकलेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि स्थिति को अपने तरीके से चलने देना तथा विश्व के अन्य भागों में होने वाली घटनाओं का इंतजार करना ताकि संकट को समाप्त करने के लिए कुछ मदद मिल सके, यह ‘भाग्यवादी’ दृष्टिकोण होगा।

विदेश मंत्री ने जापान के राष्ट्रीय प्रेस क्लब में एक चर्चा सत्र के दौरान कहा, ‘‘हम मानते हैं कि हमें वहां अधिक सक्रिय होना चाहिए।’’ जयशंकर जापान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

अगले महीने मोदी की संभावित कीव यात्रा की खबरों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं यथोचित रूप से उम्मीद कर सकता हूं कि हमारे और यूक्रेन के बीच तथा हमारे और रूस के बीच भी और अधिक संपर्क होंगे।’’ विदेश मंत्री ने कोई विशिष्ट उत्तर देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘हम, किसी भी सरकार की तरह, सही समय पर सही माध्यमों से अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।’’ जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन-रूस संघर्ष को समाप्त करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी भावना यह है कि और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है और हमें संघर्ष की मौजूदा स्थिति जारी रहने को स्वीकार नहीं कर लेना चाहिए तथा यह नहीं कहना चाहिए कि ‘इसे अपने हिसाब से चलने दें और हमें विश्व के अन्य भागों में होने वाली घटनाओं का इंतजार करना चाहिए ताकि किसी प्रकार का समाधान निकाला जा सके।’’

जयशंकर ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह उन देशों के लिए महत्वपूर्ण है जो रूस और यूक्रेन दोनों के संपर्क में हैं, क्योंकि बहुत से देश वास्तव में दोनों पक्षों से बात नहीं कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना ​​है कि यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई वह सब कुछ करे जो वह कर सकता है, ताकि कुछ सुधार हो और चीजें युद्ध के मैदान से निकलकर बातचीत की मेज पर आये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap