कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी कांग्रेस सरकार पर ज्यादा ही हमलावर है।
बीजेपी और जेडीएस के विपक्ष से निपटने के लिए दिल्ली में मंगलवार को महामंथन होने वाला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी शामिल होंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य कई सीनियर नेता आगे की रणनीति तय करेंगे। जानकारी के मुताबिक कर्नाटक सरकार में बड़े फेरबदल पर भी फैसला किया जा सकता है।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक सरकार में कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो में भी परिवर्तन किया जा सकता है। मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा काफी दिनों से चल रही है।
महर्षि वाल्मीकि एसटी डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन के 84 करोड़ से ज्यादा रुपये के अवैध ट्रांसफर को लेकर ईडी कार्रवाई कर रही है।
इस जांच में विधायक बी नागेंद्र की गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्हें मंत्रिपद से भी हटा दिया गया है। बीजेपी लगतारा सीएम सिद्धारमैया का इस्तीफा मांग रही है। दरअसल वित्त मंत्रालय सिद्धारमैया के ही पास है और अवैध ट्रांजैक्शन का मामला उनके विभाग से जुड़ा हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगर वित्तीय मामलों में गड़बड़ी हो रहीथी तो पुलिस या फिर बैंक के अधिकारियों को इस घोटाले की जानकारी क्यों नहीं दी गई।
अवैध रूप से सरकारी फंड के पैसे प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए गए। इस बैठक में कांग्रेस नेतृत्व कर्नटाक में बीजेपी-जेडीएस से निपटने का प्लान तैयार कर कता है।
दरअसल सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर बीजेपी एक सप्ताह की पदयात्रा करने जा रही है। बीजेपी का आरोप है कि मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने करोड़ों के प्लॉट नियमों का उल्लंघन करते हुए आवंटित कर दिए। इसमें मुख्यमंत्री के रिश्तेदार भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से कर्नाटक सरकार डिफेंस मोड में हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में केवल 9 सीटें ही आई थीं।
वहीं बीजेपी-जेडीएस गठबंधन ने 21 सीटों पर जीत हासिल की। अब विधानसभा में भी बीजेपी-जेडीएस जमकर सरकार को घेर रही हैं और सीएम का इस्तीफा मांग रही हैं। कर्नाटक में जल्द ही स्थानीय चुनाव भी होने जा रहे हैं।
ऐसे में कांग्रेस संगठन में भी बदलाव करना चाहती है। वहीं चर्चा यह भी है कि डीके शिवकुमार को कर्नाटक कांग्रेस चीफ के पद से हटाया जा सकता है।
दरअसल कुछ नेताओं का कहना हैकि वन मैन वन पोस्ट के नियम का पालन होना चाहिए। वहीं पार्टी के अंदर उन मंत्रियों का भी विरोध हो रहा है जो जिनके विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।