अमेरिका में कानूनी अप्रवासियों के लिए एक और मुसीबत सामने आकर खड़ी हो गई है।
करीब 2.5 लाख कानूनी अप्रवासियों के बच्चें, जिनकी उम्र 21 साल की होने को है उनके ऊपर डिपोर्ट होने की तलवार लटक रही है।
डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स के नाम से जाने जाने वाले यह बच्चे अपने माता-पिता के साथ अस्थायी कार्य वीजा पर अमेरिका आए थे।
लेकिन अब जबकि वह 21 साल के होने को हैं तो वह आश्रित वाली स्थिति में न होकर स्वतंत्र हैं ऐसे में उनके ऊपर निर्वासित होने का खतरा बढ़ गया है
नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी ने 2 नवंबर तक अमेरिकी नागरिकता और और अप्रवासी सेवा डेटा का अध्ययन किया तो यह बात निकल कर सामने आई कि करीब 1.2 मिलियन भारतीय अभी ईबी-1 में ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, अमेरिका में अप्रवासी और नागरिकता अधिनियम एक बच्चे को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जो अविवाहित है और उम्र 21 वर्ष से कम हो।
क्यों हो गए हैं अमेरिका में एजिंग आउट
अप्रवासियों के साथ हो रही इस घटना को एजिंग आउट कहा जाता है।
इसका मतलब है कि व्यक्ति को एक नया आवेदन दाखिल करना पड़ सकता है। जब तक वह ग्रीन कार्ड के लिए पात्र नहीं हो जाता तब तक उसे इसका इंतजार करना पड़ सकता है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई कि रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस ने इस परेशानी के लिए रिपब्लिकन पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि उन्होंने दो बार बायपार्टीसन समझौते को खारिज कर दिया है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता पियरे ने कहा कि मैंने इस बायपार्टीसन समझौते के बारे में बात की जो सीनेट में एक साथ आया था जहां हमने इन तथा कथित डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स की मदद करने के लिए एक प्रक्रिया पर बातचीत की थी और दुख की बात है कि कि रिपब्लिकन ने इसे दो बार रद्द करवा दिया।