प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
नीति आयोग के सदस्यों में सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपाल और कई मंत्री शामिल हैं। वहीं, पीएम मोदी इस आयोग के चेयरमैन हैं।
अब सवाल यह है कि नीति आयोग की इस बैठक में कौन-कौन मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं और कौन नहीं। गौरतलब है कि हाल में पेश आम बजट को लेकिर विभिन्न दलों में नाराजगी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो नीति आयोग को ही खत्म करने की मांग उठा दी है। उनका कहना है कि नीति आयोग को खत्म करके योजना आयोग को फिर से लाना चाहिए।
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इस बैठक के बहिष्कार की बात कही है। आइए जानते हैं कि नीति आयोग की बैठक में कौन शामिल हो रहा है और कौन बना रहा है दूरी…
बैठक में कौन-कौन हो रहा शामिल
नीति आयोग की बैठक में भाजपा शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्रियों का शामिल होना तय है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी मंशा जाहिर नहीं की है।
जिन मुख्यमंत्रियों का बैठक में आना तय है, उनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और डिप्टी सीएम चौना में, त्रिपुरा सीएम माणिक साहा, असम के मुख्यमंत्री, हिमंता बिस्वा सरमा, ओडिशा सीएम मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी।
हालांकि इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी के सहयोगी दलों ने इस मीटिंग से दूरी बनाई है। वहीं, ममता का भी आरोप है कि बजट में विपक्ष शासित प्रदेशों को तवज्जो नहीं दी गई है।
कौन बना रहा है दूरी
इसके अलावा कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक से दूरी भी बना रखी है।
इनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुख्खू, कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, पुडुचेरी के एन रंगास्वामी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
यह है बैठक का मकसद
केंद्र सरकार के बयान के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
बयान में कहा गया, ‘‘शनिवार 27 जुलाई 2024 को होने वाली शासी परिषद की बैठक में ‘विकसित भारत @2047’ पर ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ के लिए अवधारणा पत्र पर चर्चा की जाएगी…बैठक में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।
बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।