अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इसके साथ ही, उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया है।
बाइडेन ने भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस के नाम की सिफारिश ऐसे वक्त की है, जब वह जून के अंत में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहस में खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं का दबाव झेल रहे थे।
कई डेमोक्रेट्स पिछले कुछ हफ्तों से बाइडेन पर राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का दबाव बना रहे थे।
बाइडेन ने कल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज मैं कमला हैरिस को इस साल हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन और सहयोग देना चाहता हूं। डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए एकजुट होकर ट्रंप को हराने का समय आ गया है।’’ उधर, बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद ट्रंप ने ‘CNN’ से बातचीत में जो बाइडेन को ‘‘अमेरिका के इतिहास में अब तक का सबसे खराब राष्ट्रपति’’ बताया।
चुनाव से पीछे हटने के ऐलान से पहले क्या-क्या?
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव से हटने के बारे में सबसे पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को बताया।
इसके बाद जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ जेफ जिएंट्स और अपने चुनाव अभियान के प्रमुख जेन ओ’मैली डिलन के साथ एक-एक कर मीटिंग कीं।
इसके बाद जिएंट्स ने जो बाइडेन के चुनाव अभियान के स्टाफ और व्हाइट हाउस के स्टाफ की दोपहर 1:45 बजे बैठक बुलाई, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति उन्हें अपने फैसले के बारे में जानकारी दे सकें। चीफ ऑफ स्टाफ ने रविवार को दोपहर करीब 2:30 बजे पूरे व्हाइट हाउस स्टाफ के सामने इस बारे में औपचारिक घोषणा की।
इतना ही नहीं, सत्तारूढ़ डेमोक्रेट्स सांसदों ने बाइडेन के फिर से चुनाव लड़ने पर असंतोष जताते हुए कहा कि उन्हें डर है कि अगर बाइडेन फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो इस बात की आशंका है कि न केवल व्हाइट हाउस बल्कि संसद पर भी वह नियंत्रण भी खो सकते हैं।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि बाइडेन ने आखिरी समय में अपने अपना मन बदल लिया क्योंकि शनिवार रात तक उनका दौड़ से बाहर होने का कोई इरादा नहीं था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने शीर्ष सलाहकारों के साथ कई बैठकों के बाद रविवार दोपहर को इसका ऐलान कर दिया।