चुनाव से पहले अजित पवार की पार्टी से पलायन, 4 नेताओं ने छोड़ा साथ, शरद पवार संग जाने को तैयार…

एनसीपी के नेता अजित पवार की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ रही हैं।

लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को रायगढ़ की एक सीट पर ही जीत मिली थी। उस हार से संभलकर वह विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर ही रहे थे कि अब 4 बड़े नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया है।

पिंपरी चिंचवाड़ के 4 शीर्ष नेताओं ने अजित पवार का साथ छोड़ा है और अब ये लोग उनके चाचा शरद पवार की पार्टी में जा सकते हैं।

इस सप्ताह के अंत तक इन लोगों की एनसीपी शरद पवार में एंट्री हो सकती है। पिंपरी चिंचवाड़ यूनिट के अध्यक्ष अजित गवहाने ने अजित पवार को इस्तीफा भेजा है।

उनके अलावा स्टूडेंट विंग के मुखिया यश साने, पूर्व पार्षदों राहुल भोसले और पंकज भालेकर भी पाला बदल की तैयारी में हैं। ये इस्तीफे ऐसे समय में आए हैं, जब खबरें हैं कि अजित पवार खेमे के कई विधायक और नेता अब वापस शरद पवार के साथ जा सकते हैं।

पिछले दिनों दिग्गज ओबीसी नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से लंबी मुलाकात की थी। उन्होंने मुलाकात की वजह आरक्षण समेत कई मामलों पर चर्चा बताई थी, लेकिन कयास जारी हैं कि वह अजित पवार का साथ छोड़ सकते हैं।

ऐसी स्थिति में अजित पवार की स्थिति एनडीए में भी कमजोर होगी और विधानसभा चुनाव में वह ज्यादा सीटों की मांग नहीं कर सकेंगे।

ऐसे नेताओं को वापस लेने को तैयार हैं शरद पवार

बता दें कि शरद पवार ने पिछले महीने ही कहा था कि जिन लोगों ने पार्टी को कमजोर किया है, उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि ऐसे लोगों को वापस लिया जा सकता है, जिन्होंने पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

शरद पवार ने कहा था, ‘जो लोग पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, उन्हें नहीं लिया जाएगा। लेकिन संगठन को मजबूत करने वाले ऐसे नेताओं को एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने पार्टी की छवि को खराब नहीं किया है।’

बता दें कि अजित पवार ने बीते साल अपने चाचा से बगावत कर दी थी। वह एनसीपी के करीबी 40 विधायकों को लेकर सरकार का हिस्सा बन गए थे और अब डिप्टी सीएम हैं। 

विधानसभा चुनाव की तैयारियों से पहले लग रहे झटके

शरद पवार और अजित पवार के बीच पार्टी पर दावे को लेकर भी लंबी जद्दोजहद चली थी। अंत में चुनाव आयोग ने अजित पवार खेमे को ही असली एनसीपी माना था।

हालांकि चुनाव नतीजों ने अजित पवार को टेंशन दी है। अजित पवार एक तरफ विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, वहीं नेताओं के साथ छोड़ने से उनकी मुश्किल बढ़ गई है। इससे उनकी तैयारियों को भी धक्का लगा है।

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