रायपुर : प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा…

हर वार्ड में लगेंगे शिविर, समस्याओं का यथासंभव मौके पर ही निराकरण किया जाएगा

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सक्रिय भागीदारी की अपील की

प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में आगामी 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा।

पखवाड़ा के दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर स्थानीय समस्याओं का निदान किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा आज मंत्रालय से जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के संबंध में सभी आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी किया गया है।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से राज्य की सभी 184 नगरीय निकायों में स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनका मौके पर ही निराकरण के निर्देश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिए हैं।

उन्होंने इन शिविरो में नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के महापौरों, अध्यक्षों, पार्षदों और अन्य जन प्रतिनिधियों को भी उपस्थित रहने की अपील की है, ताकि आमजन की भागीदारी में वृद्धि हो सके।

उन्होंने कहा कि वार्डवार शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निराकरण होगा और नागरिकों को जरुरी सुविधाएं मिलेंगी।

समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से होने से शहरी सरकार के प्रति लोगों में सद्भाव भी बढ़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि नगरीय निकायों के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि आमजनों की भागीदारी के साथ अपनी उपस्थिति इन शिविरों में जरुर देंगे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव के निर्देश के बाद राज्य शासन द्वारा सभी नगरीय निकायों को आगामी 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के संबंध में परिपत्र जारी कर दिया गया है।

विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा अपने क्षेत्र के नागरिकों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य दायित्व है।

स्थानीय नागरिक समस्याएं यथा नल कलेक्शन, राशन कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र, नामांतरण, स्वरोजगार के प्रकरण तथा कई विविध छोटे-छोटे कार्य होते हैं, जिनका निराकरण शीघ्र अपेक्षित होता है।

परिपत्र में कहा गया है कि नल लीकेज, नलों में पानी न आना, नालियों व गलियों की सफाई, सार्वजनिक नलों के प्लेटफार्म से पानी बहना, कचरे की सफाई व परिवहन, टूटी-फूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों के गड्ढे पाटना, स्ट्रीट लाइट्स की मरकरी/बल्ब/ट्यूबलाइट का बंद रहना आदि समस्याएं भी हैं।

ये सारे कार्य आम नागरिकों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं और कार्यों से संबंधित है। इन समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से किए जाने से अपने नगरीय निकाय के प्रति नागरिकों का सद्भाव बढ़ेगा।

वहीं स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का निराकरण भी शीघ्र हो सकेगा। विभाग ने जनसमस्या निवारण शिविरों में महापौरों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्षों, पार्षदों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे आमजन की भागीदारी में बढ़ोतरी हो।  

विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिविरों में करदाताओं को करों के भुगतान की सुविधा वार्ड में ही उपलब्ध कराई जाएगी।

विभाग ने वार्डवार शिविरों के आयोजन के संबंध में वार्ड एवं नगर में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिक शिविर का पूरा लाभ प्राप्त कर सके। शिविरों में संकलित जानकारियां राज्य शासन को भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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