रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने जाने के बाद वेंस ने अपनी पत्नी ऊषा को शुक्रिया कहा।
वेंस ने कहा की आपने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरा गाइडेंस किया इसके लिए धन्यवाद। यह कपल 2014 से शादी के बंधन में बंधा हुआ है, इनके तीन बच्चे भी हैं।
वेंस ओहियो से सीनेटर है और ट्रंप की नीतियों के कड़े आलोचक माने जाते हैं। वेंस एक लेखक है उनकी किताब हिलबिली ऐल्गी बेस्ट सेलर रही है।
कौन हैं ऊषा वेंस
टाइम्स के अनुसार, ऊषा पेशे से एक वकील हैं, उनका जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था, वह भारतीय अप्रवासियों के घर पैदा हुई थी।
सैन डिएगो में अपने शुरुआती दिन बिताने के बाद ऊषा ने येल स्कूल ऑफ लॉ की पढाई की जहां वह अपने पति जे डी वेंस से मिलीं।
यहां से दोनों साथ हैं। जेडी ऊषा को अपनी सबसे बड़ी समर्थक बताते हैं। येल स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2014 में दोनों ने शादी कर ली।
रिपोर्ट के मुताबिक उनकी दोस्ती एक ग्रुप प्रोजेक्ट श्वेत अमेरिका में सामाजिक गिरावट पर काम करते हुए मजबूत हुई थी।
वेंस की माता एक ड्रग एडिक्ट थी और उनके पिता उनके साथ नहीं रहते थे, कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते वेंस इस प्रोजेक्ट पर करीबी से काम कर पाए और ऊषा ने भी उनकी इसमें मदद की
ऊषा हैं वेंस की स्पिरिट गाइड
2014 में हिंदू और ईसाई रीती रिवाजों से शादी करने वाले इस कपल के आज तीन बच्चे हैं। जिनमें दो लड़के और एक लड़की है।
दोनों अपने करियर पर ध्यान देते हुए अपने परिवार के लिए भी समय निकालने का ध्यान रखते हैं। राजनीति में सक्रिय अपने पति के इतर ऊषा को ज्यादातर समय लाइम लाइट पसंद नहीं आती है।
वेंस अपने राजनीतिक करियर के चलते लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। 2022 में वेंस के सीनेट कैंपेन के दौरान ऊषा ने पर्दे के पीछे से बहुत काम किया। वेंस अपनी किताब हिलबिली ऐल्गी में ऊषा को अपनी येल स्पिरिट गाइड कहते हैं।
ऊषा नहीं होने देती सफलता का घमंड
एक पिता और एक बेहतर पति के रूप में वेंस अपने करियर में अपनी पत्नी को श्रेय देना नहीं भूलते हैं। वेंस के अनुसार उनकी पत्नी ने हमेशा उन्हें गाइड किया है और हमेशा बेहतर सलाह दी है।
वह जानती है कि किस समय पर क्या करना चाहिए क्या नहीं। वह बेहतर हैं, जब भी मैं अपनी सफलता के दंभ में भरकर हवा में उड़ने लगता हूं तो वो मुझे समझा कर जमीन पर लाने का भी काम करती हैं।
वेंस के अनुसार, मैं जब भी परेशानी में होता हूं तो वह अपने आप ही मेरे अंदर के सवालों को समझ जाती हैं, मुझे कुछ पूछने या कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।
वह हमेशा मुझे आगे बढ़ने और सही मौकों की तलाश में रहने को कहती हैं, जो मैं समझ भी नहीं पाता कि ऐसा हो भी सकता है।