ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर तमाम तरह के आरोपों में घिरी हुई हैं।
अधिकारों के दुरुपयोग से लेकर उनकी दिव्यांगता पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पूजा खेडकर के पिता उनके बचाव में सामने आए हैं।
दिलीप खेडकर ने कहा कि कुछ लोग हमारे परिवार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इसका शिकार मेरी बेटी को बनाया जा रहा है।
बता दें कि दिलीप खेडकर एक ब्यूरोक्रेट रहे हैं। वह साल 2020 में महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से रिटायर हुए हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए खेडकर ने अपनी बेटी के दिव्यांग सर्टिफिकेट पर भी बात की।
उन्होंने कहा कि यह सर्टिफिकेट पूरी तरह से वैलिड है। इतना ही नहीं, पत्नी के हथियार लहराने वाले वीडियो पर भी उन्होंने सफाई दी।
दिलीप खेडकर ने कहा कि तमाम तरह की दिव्यांगता होती है। पूजा को विजन इंपेयरमेंट की समस्या है, जो कि 40 फीसदी से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि इस आधार पर दिव्यांगता के 40 फीसदी क्राइटेरिया को पूरा करती है। उनके मुताबिक मेडिकल एक्सपर्ट्स के बोर्ड ने भी सर्टिफिकेट जारी करने से पहले इसको वेरिफाई किया है।
दिलीप खेडकर ने आगे कहा कि उनकी बेटी को एक खास कैटेगरी की मानसिक बीमारी है। सर्टिफिकेट देने से पहले यह भी मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा वेरिफाई किया जा चुका है।
हाल ही में पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर किया गया है। साल 2022 में पूजा ने कैट का रुख किया था। तब उन्होंने विजुअल इंपेयरमेंट और मेंटल डिसेबिलिटी के आधार पर आरक्षण की मांग की थी।
उन्होंने यह मांग राइट्स ऑफ परसन विद डिसेबिलिटीज एक्ट 2017 के सेक्शन 34 के तहत की थी। परिवार की आय 80 करोड़ से ऊपर होने के बावजूद पूजा खेडकर द्वारा ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर आरक्षण का लाभ लेने पर भी उनके पिता ने पक्ष रखा।
दिलीप खेडकर ने कहा कि वह इस मामले पर सभी तरह के आरोपों पर बहुत जल्द जवाब देंगे।
दिलीप खाडेकर ने 2023 के उस वीडियो क्लिप पर भी सफाई दी, जिसमें उनकी पत्नी किसानों पर बंदूक लहराती दिख रही हैं। सोशल मीडिया पर क्लिप वायरल होने के बाद इस मामले में एफआईआर भी हो चुकी है।
दिलीप खाडेकर ने कहा कि हम लोगों ने एक अन्य परिवार से यह जमीन आधिकारिक रूप से खरीदी थी। अब वह परिवार हमारे लिए अड़चनें पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा कि परिवार ने इस मामले में एडवोकेट रविंदर सुतार के जरिए बयान जारी किया है। इसके मुताबिक खेडकर की पत्नी मनोरमा यह हथियार सेल्फ डिफेंस में लेकर गई थीं। उनके पास बंदूक रखने की परमिशन है।
पूजा खेडकर के हाल ही पुणे से वाशिम ट्रांसफर और उनके द्वारा ऑफिस में अधिकारों के दुरुपयोग पर भी दिलीप ने अपना पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि चीजें बाहर से जैसी नजर आती हैं, हकीकत में वैसी होती नहीं हैं। केवल हम जानते हैं कलेक्टर ऑफिस में क्या हुआ और हमारे साथ कैसा व्यवहार किया गया।