महिला बच्चे छोड़कर चीन से भारत आई, बेवजह उत्पीड़न ठीक नहीं; बॉम्बे हाई कोर्ट  ने क्यों लगाई फटकार…

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को चीनी महिला से जुड़े सोने की तस्करी से जुड़े मामले में अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे उस चीनी महिला को निकासी परमिट जारी करे क्योंकि उसे अपराध के लिए बरी कर दिया गया है। 

हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि वो महिला अपने दो बच्चों को छोड़कर चीन से भारत आई है और उसका बेवजह उत्पीड़न ठीक नहीं है। इससे द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं।

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने फैसले में कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देता है और यह विदेशी नागरिकों पर भी लागू होता है।

उन्होंने इसी के साथ केंद्र सरकार को महिला को हुई परेशानी के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। 

मामला क्या है
दरअसल, चीनी नागरिक 38 वर्षीय कांग लिंग को 2019 में मुंबई हवाई अड्डे से तीन करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

उसे 2023 में एक अदालत ने बरी कर दिया था और सत्र न्यायालय ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने आव्रजन ब्यूरो को उसे देश छोड़ने के लिए निकासी परमिट जारी करने का भी निर्देश दिया था।

हालांकि, महिला को निकासी परमिट जारी नहीं किया गया क्योंकि सीमा शुल्क विभाग ने कहा कि वह उसे बरी किये जाने के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया कर रहा है। इसके बाद महिला ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

अनावश्यक उत्पीड़न ठीक नहीं, यह शक्तियों का घोर दुरपयोग
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीमा शुल्क विभाग को ‘‘मानवीय नजरिया और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी क्योंकि अनुच्छेद 21 के अनुसार प्रत्येक विदेशी नागरिक को स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्राप्त है।

’’ न्यायधीश ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क विभाग का आचरण न केवल गलत और प्रतिशोधात्मक था बल्कि उसने याचिकाकर्ता को बिना किसी औचित्य के उसके देश जाने से रोककर अपनी शक्तियों का घोर दुरुपयोग किया।’’

हाई कोर्ट ने कहा कि कांग दो बच्चे छोड़कर भारत आई थी और उसे ‘‘सीमा शुल्क विभाग द्वारा परेशान और प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए था’’।

अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या- 2 (सीमा शुल्क विभाग) द्वारा एक विदेशी नागरिक के साथ जिस तरह से व्यवहार किया जा रहा है उसका असर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। यह बिना किसी कारण के याचिकाकर्ता को परेशान करने के अलावा और कुछ नहीं है।’’

अदालत क्या बोली
हाई कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 इतना व्यापक है कि इसमें न केवल इस देश के नागरिक, बल्कि भारत आने वाले विदेशी भी आते हैं और ‘‘सरकार का दायित्व है कि वह ऐसे विदेशियों की स्वतंत्रता की रक्षा करे…और यह सुनिश्चित करे कि उन्हें स्वतंत्रता से कोई वंचित न करे।’’

कांग की याचिका के अनुसार, वह दिसंबर 2019 में भारत आई थी। उसकी उड़ान को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरना था लेकिन खराब मौसम के कारण गंतव्य बदलकर मुंबई कर दिया गया।

इसके बाद कांग ने मुंबई आव्रजन की औपचारिकताएं पूरी कर दिल्ली के लिए घरेलू उड़ान भरने का फैसला किया, लेकिन आव्रजन के दौरान उसके सामान में कथित तौर पर सोने की 10 छड़ पाई गईं, जिनका वजन एक-एक किलोग्राम था और जिनकी कीमत 3,38,83,200 रुपये थी।

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