यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पीएम मोदी का यह पहला रूस दौरा है। वह 5 साल बाद रूस के दौरे पर गए हुए हैं।
सोमवार 8 जुलाई को पीएम मोदी जब मॉस्को में उतरे तो वहां उनका गार्ड ऑफ ऑनर देकर भव्य स्वागत किया गया।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को अपने घर पर चाय और खाने के लिए बुलाया, जिससे दोनों नेताओं के बीच का आपसी प्रेम उमड़ कर दिखा। पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में राष्ट्रपति को गले लगाया और मजबूती के साथ हाथ मिलाया।
चाय के लिए पुतिन के घर पहुंचे पीएम मोदी की बातचीत के दौरान पुतिन ने पीएम की जमकर तारीफ की और कहा कि आपने पूरा जीवन देश की सेवा करने के लिए समर्पित कर दिया है।
आप भारत के लिए बहुत बेहतर कर रहे हैं। पुतिन ने पीएम को तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी और कहा कि आपको मॉस्को में देखकर बेहद खुश हूं।
पीएम ने कहा भारतीय जनता ने राष्ट्र के लिए उनकी नीतियों पर भरोसा जताया है। भारतीय चुनाव काफी महत्वपूर्ण था। करीभ 65 करोड़ लोगों ने वोट दिया और करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार चुनी गई है। किसी दोस्त के घर मीटिंग के लिए आना अच्छा है।
आपने मुझे अपने घर बुलाया इसके लिए धन्यवाद, उन्होंने मीटिंग के लिए रूस बुलाने के लिए भी राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त किया ।
बहुत ही खास समय पर हुआ है पीएम का रूस दौरा
पीएम मोदी का रूस दौरा बहुत ही खास समय पर हुआ है। आज मंगलवार 9 जून को जब पीएम मोदी राष्ट्रपति पुतिन से औपचारिक मुलाकात करेंगे तो आज ही के दिन अमेरिका में नाटो के सदस्य देशों की बैठक चल रही है।
नाटो यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी आगे की रणनीति बनाने की तैयारी में है, ऐसे में पीएम मोदी का रूस जाना पश्चिम की आंखों में जरूर खटकेगा।
इससे पहले SCO समिट में पीएम मोदी ने शिरकत नहीं की थी। रूसी राष्ट्रपति और चीनी राष्ट्रपति के बीच में वहां काफी अच्छी बातचीत हुई।
भारत नहीं चाहेगा कि उसका सबसे अच्छा दोस्त रूस, चीन के और करीब जाए, जानकारों की माने तो इन कारणों से पीएम मोदी का यह दौरा और अहम हो जाता है।
तीसरे कार्यकाल में पहले द्विपक्षीय दौरे के लिए रूस को चुना
पीएम ने अपने तीसरे कार्यकाल को जीतने के बाद रूस को द्विपक्षीय दौरे के लिए चुना, इसके पहले वह 2014 में अपने पहले द्विपक्षीय दौरे के लिए भूटान गए थे तो वहीं 2019 में वह मालद्वीव और श्रीलंका के दौरे पर गए थे।
रूस और भारत के बीच 22वीं द्विपक्षीय समिट में भाग लेने पहुंचे पीएम मोदी आज अपने आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे, फिर उसके बाद भारतीय प्रवासियों को संबोधन देंगे।
भारत और रुस के बीच आखिरी समिट 2021 को दिल्ली में हुई थी, जिसमें भाग लेने के लिए राष्ट्रपति पुतिन भारत आए थे। अपनी रूस की यात्रा खत्म करने के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे, किसी भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा यह 40 साल बाद ऑस्ट्रिया का दौरा होगा।