प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
इस साल सावन में कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इस बार 22 जुलाई को सावन की शुरुआत सोमवार से होगी और सोमवारी पर ही समापन भी होगा।
सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा को समर्पित है। इस बार सावन में एक साथ कई पर्व पड़ने से यह अति लाभकारी होगा। ऐसे में श्रद्धालु भोलेनाथ को प्रसन्न कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकेंगे।
पुरोहित संतोष त्रिपाठी के अनुसार, सावन के इस पवित्र महीने में की गई पूजा का व्यक्ति को विशेष फल मिलता है। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं।
इस बार सावन बहुत ही अद्भुत संयोग लेकर आया है। इस वर्ष कृष्ण पक्ष में दो सोमवारी और शुक्ल पक्ष में तीन सोमवारी पड़ रही है, जो बहुत ही लाभकारी होगी।
उन्होंने कहा कि सावन की शुरुआत सोमवार को 22 जुलाई से हो रही है। 22 जुलाई को पहली सोमवारी, 29 को दूसरी, 5 अगस्त को तीसरी, 12 अगस्त को चौथी सोमवारी और 19 अगस्त को पांचवीं और अंतिम सोमवारी होगी। 19 अगस्त को ही भाई-बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन भी है।
चार मंगला गौरी व्रत
सावन में ही मंगला गौरी का व्रत भी होगा। यह व्रत सुहागिन महिलाएं करती हैं, जो हर मंगलवार को 23 जुलाई, 30 जुलाई, 6 अगस्त और 13 अगस्त तक चलेगा। शिवरत्रि भी 2 अगस्त शुक्रवार को है।
पुराणों के अनुसार, सावन में भोले शंकर की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं।
शिव मंत्र
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
शिव-पूजा की सामग्री
गन्ने का रस, गाय का कच्चा दूध, शहद, घी, मिश्री, गंगाजल, बिल्व पत्र, कलावा, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल।