कुछ सालों में धरती के बेहद नजदीक से एक Asteroid Apophis या एपोफिस क्षुद्रग्रह के गुजरने की आशंका है। खास बात है कि खोज के समय इसे दुनिया का सबसे खतरनाक क्षुद्रग्रह माना गया था।
जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि इसका प्रभाव विनाशकारी हो सकता है। खबर है कि दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां पृथ्वी को ऐसे क्षुद्रग्रह से बचाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
खुद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ धरती से एस्टेरॉयड के टकराने को लेकर चेतावनी जारी कर चुके हैं। हालांकि, NASA ने कुछ राहत दी है।
क्या है Apophis
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की वेबसाइट के अनुसार, एस्टेरॉयड 99942 एपोफिस एक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट यानी (NEO) है, जिसका अनुमानित व्यास करीब 1100 फीट है। इसकी खोज साल 2004 में की गई थी और उस समय इसे सबसे खतरनाक एस्टेरॉयड माना गया था।
खास बात है कि कुछ ही समय में एपोफिस को ऐसे क्षुद्रग्रह के तौर पर पहचाना जाने लगा था, जो धरती के लिए बड़ा खतरा बन सकता था।
NASA के अनुसार, खगोलविदों का पूर्वानुमान था कि यह एस्टेरॉयड साल 2029 में पृथ्वी के काफी नजदीक आ सकता है।
हालांकि, अतिरिक्त जांच में साल 2029 के जोखिम को कम कर दिया गया। खास बात है कि यह क्षुद्रग्रह साल 2036 में भी धरती के नजदीक से गुजर सकता है। इसके बाद साल 2068 में भी खतरा बना हुआ है।
क्या एपोफिस के बारे में चिंता जरूरी है
नासा ने मार्च 2021 में एक रडार ऑब्जर्वेशन कैंपेन चलाया था, जिसके बाद खगोलविदों ने पाया था कि कम से कम 100 सालों तक एपोफिस के हमारी पृथ्वी पर प्रभाव डालने का जोखिम नहीं है।
एपोफिस के बारे में और जानकारी जुटाने पर 2029 में भी बड़े प्रभाव की आशंकाओं से इनकार कर दिया गया था। साथ ही 2036 में भी इसके कारण खास प्रभाव पड़ने की संभावनाएं कम हैं।
खास बात है कि जब एपोफिस 5 मार्च 2021 को पृथ्वी के नजदीक से गुजरा, तो खगोलविदों ने जांच की और इस नतीजे पर पहुंचे कि 2068 और उसके बाद भी एपोफिस के चलते कोई खास प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
क्या बोले सोमनाथ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ISRO चीफ का कहना है, ‘हमारा जीवनकाल 70-80 साल का है और हम हमारे जीवन में ऐसी आपदा नहीं देखते हैं, तो हम इसे हल्के में ले लेते हैं और यह मान लेते हैं कि ऐसा होने की आशंका नहीं है। अगर आप दुनिया और ब्रह्मांड के इतिहास को देखेंगे तो ऐसी घटनाएं कई बार हुई हैं…। जहां क्षुद्रग्रह ग्रहों की तरफ आता है और उसका प्रभाव होता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने एस्टेरॉयड को जुपिटर से टकराते देखा है। अगर ऐसा पृथ्वी के साथ हुआ, तो हम सब विलुप्त हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है। हमें खुद को तैयार रखना होगा। हम नहीं चाहते कि ऐसा पृथ्वी के साथ हो। हम चाहते हैं कि यहां मानवता और सभी जीव रहें, लेकिन हम इसे रोक नहीं सकते। हमें इसके विकल्पों की तलाश करनी होगी। तो हमारे पास एक तरीका है, जिससे हम इसकी दिशा बदल सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम पृथ्वी के नजदीक आने का पता सकते हैं और उसे दूर कर सकते हैं, लेकिन कभी-कभी यह असंभव भी हो सकता है। ऐसे में तकनीक को विकसित करना होगा, क्षमताओं पर काम करना होगा, इसकी दिशा को बदलने के लिए भारी चीजों को ऊपर भेजने की क्षमता तैयार करनी होगी। साथ ही एक प्रोटोकॉल के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना होगा।’