हाथरस में भोले बाबा के कार्यक्रम में भगदड़ मचने के बाद कम से कम 123 लोगों की जान चली गई है।
सिकंदराराऊ में सत्संग के कार्यक्रम में 1 लाख से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा थी। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी भोले बाबा के अनुयायियों में उनके प्रति विश्वास कम नहीं हुआ है।
हाथरस की रहने वाली 33 साल की वकील सीमा का का मानना है कि सूरजपाल सिंह कोई इंसान नहीं बल्कि भगवान के दूत हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 18 साल के हिमांशु का कहना है कि अगर भोले बाबा का आशीर्वाद ना होता तो उसका ऐडमिशन यूनिवर्सिटी में ना हो पाता।
एक गृहिणी नेहा का कहना है कि नारायण हरि साराकर के सत्संग के जल से ऐसी गंभीर बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं जिन्हें डॉक्टर पकड़ भी नहीं पाते हैं।
बता दें कि मंगलवार को भोले बाबा के कार्यक्रम में काफी दूर-दूर से लोग आए थे। वहीं रिपोर्ट में सामने आया है कि भोले बाबा की चरण रज लेने के चक्कर में भगदड़ मच गई और इतने लोगों की जान चली गई।
बता दें कि भोले बाबा की प्रसिद्धि के पीछे दलित फैक्टर भी लागू होता है। वह अपने सत्संग में बराबरी और जाति के आधार पर भेदभाव को खारिज करते हैं।
इसके अलावा लोगों को भोले बाबा के कथित चमत्कार का भरोसा रहता है। वह खुद को आलौकिक सत्ता के रूप में लोगों के सामने रखते हैं।
वहीं सत्संग में मानवता का संदेश देते हैं। वहीं भगदड़ से थोड़ी ही देर पहले भोले बाबा ने कहा था, ‘आज प्रलय आएगी।’ अब भोले बाबा के भक्तों का मानना है कि उन्होंने घटना की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी और लोगों को सावधान कर दिया था। वे यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि लापरवाही की वजह से इस तरह की दुखद घटना हुई है।
भगदड़ के दौरान घायल हुए कमलेश सिंह ने कहा, मैं भोले बाबा के प्रभाव और उनकी त्रिकालदर्शिता से प्रभावित हूं। उन्होंने कहा, स्टेज छोड़ने से पहले उन्होंने कहा, मैं जा रहा हूं, आज प्रलय आएगी। आप सोचिए कि उन्होंने यह भविष्यवाणी कैसे कर दी। उन्हें पता था कि थोड़ी देर बाद क्या होने वाला है। उनके वहां से जाने तक वहां कोई भगदड़ नहीं थी। उनके जाने के बाद सत्संग में धूल उड़नी शुरू हो गई।
हिमांशु का कहना है कि वह 6 साल के थे जब उनके मां बाप सत्संग में ले गए थे। इसके बाद से वह एक ही ईश्वर में भरोसा रखते हैं।
उन्होंने कबताय, हमारे घऱ में किसी और भगवान या देवी की तस्वीर तक नहीं है। हमने भोले बाबा की ही तस्वीरें लगा रखी हैं। उन्होंने कहा, भोले बाबा ही हमारे परमात्मा हैं और उनकी पूजा के बिना होली-दिवाली कुछ भी नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा, आज हम अच्छे विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। यह सब भोले बाबा की ही कृपा से संभव हो पाया है।
नेहा का कहा है कि केवल बाबा की छवि खराब करने के लिए भगदड़ करवाई गई है। उन्होंने कहा, हमारा पूरा परिवार उनमें आस्था रखता है।
लोग उनके सत्संग से पवित्र जल लाते हैं और वे अपने घर में छिड़कते हैं। जब भी हमारे घर में कोई बीमार हुआ है तब उनकी कृपा से ही लोग ठीक हुए हैं। हम उनके अलावा किसी ईश्वर की पूजा नहीं करते हैं।
भोले बाबा के सेवक अवधेश माहेश्वरी ने कहा, पूरे भारत में भोले बाबा के भक्त हैं। गरीब से लेकर अमीर तक उनको मानते हैं। उनके ज्यादातर भक्त लोअर मिडिल क्लास से हैं।
उनके सत्संग में जाने के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ता है। वह दान भी नहीं लेते हैं। इसके अलावा वह साधारण जीवन जीते हैं। इसीलिए लोग उनको भगवान मानते हैं।