यूरोप में पुतिन के सबसे बड़े सहयोगी हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन कीव की यात्रा पर हैं।
विक्टर की यह युद्ध शुरू होने के बाद पहली कीव यात्रा है।
यूक्रेन को मिलने वाले यूरोपीय सहयोग की आलोचना करने वाले विक्टर ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा कि मैंने राष्ट्रपति से इस बारे में सोचने के लिए कहा कि क्या हम युद्ध को रोक सकते हैं, मैंने उनसे मॉस्को के साथ शांतिवार्ता को गति देने का भी आग्रह किया है।
ओर्बन ने कहा कि एक समय सीमा से जुड़ा युद्धविराम शांति वार्ता को गति देने का मौका देगा। मेरी राष्ट्रपति जेलेंस्की इस मामले में ईमानदार बातचीत हुई, जिसके लिए मैं राष्ट्रपति का आभारी हूं।
हंगरी के प्रधानमंत्री पहले भी कई बार यूक्रेन को युद्ध के लिए सहायता देने की जगह युद्धविराम के साथ युद्ध को समाप्त करने के विचार का प्रचार किया है।
हंगरी के इस प्रस्ताव से पहले जेलेंस्की और यूक्रेन के कई सहयोगियों ने हारी हुई जमीन के साथ रूस के साथ युद्धविराम की किसी भी शर्त को नकार दिया था। उनकी तरफ से कहा गया कि पुतिन पर किसी भी समझौते पर कायम रहने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता।
हंगरी की पुतिन के साथ है खास दोस्ती
हंगरी के प्रधानमंत्री के पुतिन के साथ घनिष्ठ संबंध अक्सर जांच के दायरे में आते रहे हैं। उनकी दोस्ती आर्थिक सहयोग और समान मूल्यों पर आधारित है।
हंगरी ने संयुक्त राष्ट्र के प्लेटफार्म पर हमेशा ही रूस का साथ दिया है। 2014 में क्रीमिया पर रूस का आक्रमण हो या फिर अभी यूक्रेन पर किया रूस का आक्रमण हो, हमेशा ही हंगरी अपने दोस्त रूस का साथ देता आया है।
यूक्रेन पर हमले के कारण जब पूरे यूरोप ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था, तब भी हंगरी इन प्रतिबंधों के सामने रूस के लिए खड़ा रहा था।
यूरोप की खास पावर अभी हंगरी के पास
हंगरी इस समय पर यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसमें हर छह महीने पर अध्यक्ष बदलता है।
प्रत्येक छह महीने के बाद अध्यक्ष पद को नियंत्रित करने वाला देश यूरोपीय संघ के समग्र एजेंडे पर अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित कर सकता है।
हंगरी ने सोमवार को “फिर से यूरोप को महान बनाएं” के आह्वान के साथ अध्यक्ष का पद ग्रहण कर लिया है। वह इस मंच का इस्तेमाल यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता या फिर रूस की मदद करने के लिए कर सकता है।