खालिस्तान समर्थक विवादित नेता और खडूर साहिब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह 5 जुलाई को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे। राज्य और केंद्रीय एजेंसियों ने रास्ता साफ कर ने उन्हें शपथ लेने की मंजूरी दे दी है।
पंजाब सरकार के एक आला अधिकारी के अनुसार, असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत बंद अमृतपाल को डिब्रूगढ़ से दिल्ली लाया जा सकता है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने कुछ दिन पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस संबंध में अनुरोध भेजा था। इसमें खडूर साहिब से चुने गए सांसद के संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अस्थायी रिहाई या पैरोल की मांग की गई थी।
पंजाब सरकार के शीर्ष अधिकारी ने बताया, “सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अमृतपाल के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
वह 5 जुलाई को शपथ लेंगे और वापस डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जाएगा।” यानी अमृतपाल फिलहाल जेल में ही रहेंगे।
अमृतपाल के कानूनी सलाहकार ईमान सिंह खारा ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाले कट्टरपंथी सिख नेता की याचिका एनएसए की धारा 15 के तहत 9 जून को जेल सुपरिटेंडेंट के माध्यम से पंजाब सरकार को भेजी गई थी।
डिब्रूगढ़ जेल अधीक्षक ने चिट्ठी अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को भेजा था, जिन्होंने इसे राज्य सरकार मुख्यालय को भेज था। इसके बाद राज्य सरकार ने स्पीकर से अमृतपाल को शपथ लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
एनएसए की धारा 15 के मुताबिक सरकार द्वारा हिरासत में लिए गए व्यक्ति को बिना किसी शर्त के या कानून में बताए गए शर्तों के आधार पर जिसे वह व्यक्ति स्वीकार करता है अस्थायी रूप से रिहा किया जा सकता है।
इसके अलावा किसी भी समय उसकी रिहाई को रद्द कर सकता है। अमृतपाल सिंह के एक दूसरे वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा, “पंजाब के गृह सचिव ने बताया है कि उन्होंने चिट्ठी को लोकसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। अध्यक्ष 25 जून से शुरू होने वाली 60 दिनों की अवधि के भीतर शपथ ग्रहण के बारे में फैसला ले सकते हैं। नियमों के अनुसार, अध्यक्ष निर्णय लेने से पहले गृह विभाग की सलाह लेते हैं। पंजाब सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।
इससे पहले हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद को 25 जुलाई को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की इजाजत दे दी है। राशिद, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से जाना जाता है, 2019 से तिहाड़ जेल में हैं।
एनआईए ने उन पर टेरर फंडिंग के मामले में आरोप लगाए थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को 2 लाख वोटों से हराकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बारामुल्ला सीट से लोकसभा चुनाव जीता था।
राशिद के मामले में एनआईए की रजामंदी के बाद सभी की निगाहें ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल पर हैं, जिन्होंने खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों से हराया था।
अमृतपाल के तीन और सहयोगी और एनएसए के तहत हिरासत में लिए गए कुलवंत सिंह राओके, भगवंत सिंह उर्फ ’प्रधानमंत्री’ बाजेके और दलजीत सिंह कलसी ने भी पंजाब के बरनाला, गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है।