संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन राइट्स वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डालना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
UN की संस्था ने कहा है कि इमरान खान को तत्काल रिहा कर दिया जाए।
संयुक्त राष्ट्र के कार्य समूह ने कहा कि इमरान खान को मनमाने ढंग से जेल में रखा गया है। उचित यही है कि इमरान खान को तुरंत रिहा करके उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक मुआवजा दिया जाए।
इसके अलावा उन्हें जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए अधिकार दिया जाए।
यूएन की संस्था ने कहा कि वर्किंग ग्रुप ने यह निष्कर्ष निकाला है कि इमरान खान की गिरफ्तारी का कोई कानूनी आधार नहीं था। राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे बदले की राजनीति की जा रही है। यूएन के वर्किंग ग्रुप ने 25 मार्च को ही यह राय दी गई।
हालांकि एक दिन पहले ही इसे सार्वजनिक किया गया है। वर्किंग ग्रुप की राय बाध्यकारी नहीं होती है हालांकि इसे महत्वपूर्ण टिप्पणी माना जा रहा है।
पांच सदस्यों वाले वर्किंग ग्रुप का कहा है कि इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी और यह उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ दमन के अभियान का हिस्सा थी।
वॉशिंगटन के पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से इसपर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।बता दें कि पाकिस्तान में फरवरी में आम चुनाव करवाए गए थे और उससे पहले अगस्त में ही इमरान खान गिरफ्तार हो गए थे। उनपर दर्जनों मामलों में सुनवाई चल रही है।
खान का भी कहना है कि सत्ता के लिए राजनीतिक बदले की भावना से उनपर फर्जी केस लगाए गए हैं। पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हाल ही में इमरान खान को दो मामलों में राहत दी थी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्य समूह ने कहा कि चुनाव से पहले इमरान खान की पार्टी के लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
वहीं आम चुनाव के दिन भी पाकिस्तानी चुनाव आयोग पर धांधली के आरोप लगे थे। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया था।
इमरान खान 2022 से ही संकट में हैं। उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं तीन साल की सजा होने की वजह से इस बार वह चुनाव भी नहीं लड़ पाए। हालांकि उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में आम चुनाव में जीत हासिल की थी।