‘आउटकम हेल्थ’ के कोफाउंडर भारतीय-अमेरिकी कारोबारी ऋषि शाह को यूएस की एक कोर्ट ने साढ़े सात साल कैद की सजा सुनाई है।
आरोप है कि बड़ा मुनाफा कमाने के लिए ऋषि शाह की कंपनी ने गोल्डमैन साच्स, गूगल की पैरंटल कंपनी अल्फाबेट और इलीनॉइस गवर्नर जेबी पैट्रिकर की कंपनी को भी धोखा दिया।
कॉर्पोरेट फ्रॉड के आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद अमेरिका में डिस्ट्रिक्ट जज थॉमस डर्किन की अदालत ने उन्हें दोषी पाया।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक शाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान ही आउटकम हेल्थ पर काम करने लगे थे। वहीं 2006 में इस कंपनी को बनाया गया।
इस कंपनी का काम डॉक्टरों के दफ्तर में टीवी इन्स्टॉल करना था जिसपर मेडिकल फील्ड से संबंधित विज्ञापन दिखाए जाते थे। इस काम में शाह की पार्टनर श्रद्धा अग्रवाल थीं।
कंपनी ने कुछ ही सालों में बड़ा मुनाफा कमाया। हालांकि सवाल ये खड़े हुए की विज्ञापन देने वाले लोगों और मरीजों के बीच संपर्क कैसे हो।
वहीं पता चला कि इस मामले में आउटकम हेल्थ ने कई बड़ी कंपनियों से झूठ बोला। उन्हें डॉक्टरों के दफ्तर में जिस स्तर पर टीवी लगाने की बात बताई गई थी, वह सच नहीं थी। कई जगह स्क्रीनसाइज काफी छोटी थी।
चार साल में ही आउटकम हेल्थ हेल्थकेयर और टेक निवेश के मामले में बड़ी कंपनी बन गई। कंपनी ने आधुनिक तकनीक के जरिए मेडिकल प्रोडक्ट के डिस्ट्रिब्यूशन का वादा किया।
इसके बाद कई बड़ी कंपनियों ने भी निवेश किया। कोर्ट में बताया गया कि शाह ने श्रद्धा अग्रवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर निवेशकों, ग्राहकों और कर्जदाताओं को धोखा दिया।
कंपनी ने विज्ञापन की सामग्री की बिक्री ज्यादा दिखाई। कंपनी इतनी सामग्री डिलीवर भी नहीं कर पा रही थी। इसके बाद डेटा में छेड़छाड़ किया गया और निवेशकों से झूठ बोला गया।
ऋषि शाह ने खरीदे थे कई जेट और शिप
डेटा में छेड़छाड़ का पता चलने के बाद आउटकम हेल्थ कंपनी की पोल खुलने लगी। वहीं शाह को बड़ा मुनाफा भी कई लोगों को खटकने लगा था।
शाह ने अपने प्राइवेट जेट और शिप खरीद लिए थे। उन्होंने 1 करोड़ डॉलर का बंग्ला खरीदा। 2016 में ऋषि शाह की कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर की हो गई। 2017 में वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में ऋषि शाह के बारे में खुलासा किया गया।
रिपोर्ट के बाद निवेशकों में शामिल गोल्डमैन साच्स, अल्फाबेट और अन्य कंपनियों ने आउटकम हेल्थ के खिलाफ केस कर दिया।
इसके बाद कंपनी ने लगभग 225 मिलियन डॉलर का लाभांश वापस किया। हालांकि निवेशकों के बिगड़ने की वजह से कंपनी ढह गई।
शाह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के भी कई मामले दर्ज थे। शाह की कंपनी ने फर्जी डेटा और झूठ बोलने की बात स्वीकार की है।