प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
ग्रहों के न्यायाधीश शनिदेव वक्री हो चुके हैं। शनि की उलटी चाल ग्रहों और राशियों पर एक अलग तरह का असर डाल रही है।
शनि देव अभी तक कुंभ राशि में मार्गी अवस्था में विद्यमान थे, लेकिन 29 जून 2024 को वक्री हो गए हैं। शनि की ये स्थिति 15 नवंबर तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में शनि की यह स्थिति बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि की स्थिति में बदलाव होने से शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या की स्थिति बदल गई है। शनि की उलटी चाल के प्रभाव से साढ़ेसाती व ढैय्या के परिणाम अब अलग होंगे। 15 नवंबर तक शनिदेव की उल्टी चाल का 8 राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
कुल चार राशियां शनि की साढ़ेसाती और चार राशियां ढैय्या। आठ राशियों पर वक्री शनि का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। इन 8 राशियों को वक्री शनि अलग-अलग परिणाम प्रदान करेंगे। 15 नवंबर तक की अवधि इन राशियों के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है।
इन 3 राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती- मकर, कुंभ व मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। लेकिन शनि की उलटी चाल की वजह से धनु राशि पर दोबारा शनि की साढ़ेसाती जैसी स्थिति बन गई है। शनि के कुंभ राशि में आने से धनु राशि पर साढ़ेसाती उतर चुकी थी।
इन 2 राशियों पर चल रही है ढैय्या- इस समय कर्क व वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। मिथुन व तुला राशि से शनि ढैय्या उतर चुकी थी। लेकिन अब शनि की उलटी चाल की वजह से फिर से मिथुन व तुला राशि वालों पर भी ढैय्या जैसी स्थिति बन गई है।
15 नवंबर के बाद इन 3 राशियों को मिलेगी राहत: शनि के मार्गी होते ही धनु, मिथुन व तुला राशि वालों से साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव हट जाएगा।
हालांकि वक्री अवस्था में शनि इन राशियों की भी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।