अफगानिस्तान से पहले सिखों को निकालो, ट्रूडो के मंत्री हरजीत ने सेना को दिया था आदेश; कनाडा में मचा बवाल…

साल 2021 में अफगानिस्तान से नाटो फौज की वापसी के समय अफरातफरी का माहौल था।

अमेरिका और उसके सहयोगी युद्ध से तबाह देश पर तालिबान के कब्जे के बीच अफगानिस्तान से बाहर निकलने की जल्दी में थे।

उस समय सिख हरजीत सज्जन कनाडा के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा आदेश दिया था जो अब कनाडाई सरकार के लिए परेशानी का सबब बनता दिख रहा है।

एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में तत्कालीन रक्षा मंत्री एवं खालिस्तानी समर्थक हरजीत सज्जन ने अफगानिस्तान के पतन के बाद अफगान सिखों के लिए कनाडाई सेना को बचाव अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों को 225 अफगान सिखों के बचाव को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। अब कनाडा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मीडिया रिपोर्ट पर संसदीय सुनवाई की मांग की है।

कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के तत्कालीन रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कनाडाई नागरिकों और कनाडा से जुड़े अफगानों को आवंटित संसाधनों का इस्तेमाल अफगान सिखों की मदद के लिए किया।

उन्होंने यह भी आदेश दिया कि अफगान सिखों को पहले बचाया जाए। सज्जन ने दावों का खंडन किया है और 28 जून को एक बयान में कहा कि मंत्री के रूप में, उन्होंने अफगान सिखों को बचाने के लिए कनाडाई सशस्त्र बलों (सीएएफ) को “आदेश नहीं दिया।”

वैंकूवर दक्षिण के लिबरल सांसद सज्जन वर्तमान में आपातकालीन मंत्री हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सज्जन के आदेशों से कनाडाई नागरिकों और कनाडा से जुड़े अफगानों को काबुल से बाहर निकालने से संसाधन छीन गए।  

अपने कदम का बचाव करते हुए सज्जन ने कहा, “जितना संभव हो उतने कमजोर अफगानों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए एक स्वीकृत सरकारी नीति थी, जिसमें स्पष्ट रूप से पहले कनाडाई शामिल थे और जो हमारे साथ थे व हमारे सैन्य दुभाषिए थे। इसमें कमजोर अफगान भी शामिल थे – जिनमें अफगान सिख और हिंदू जैसे धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल थे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेना की भूमिका सरकारी निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने कहा,“सेना नागरिक कमान के अधीन है व राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के अधीन है और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री का काम उस समय की सरकारी नीतियों को निष्पादित करना है।”

साल 2021 में विभिन्न समूहों ने कनाडा सरकार से मदद मांगी थी। 15 अगस्त को काबुल के पतन के तुरंत बाद कनाडाई सेना वहां उतरी थी और हजारों लोगों की मदद की थी।

हालांकि, कनाडाई सेना के तीन अधिकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में सज्जन के दावों का खंडन किया गया है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने 200 से अधिक अफगान सिखों को हवाई मार्ग से भेजने का आदेश दिया था, और उन्हें कनाडाई या कनाडा से जुड़े लोगों की तुलना में प्राथमिकता दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक सज्जन ने न केवल कनाडाई बलों को अफगान सिखों को बचाने के लिए निर्देशित किया बल्कि उनके स्थान की जानकारी और उनके बारे में अन्य विवरण भी सेना को दिए, क्योंकि विशेष ऑपरेशन बलों ने समूह से मिलने के लिए काम किया था।

यह जानकारी उन्हें एक कनाडाई सिख समूह से मिली थी जो इन अफगान सिखों के संपर्क में था। रिपोर्ट में एक सैन्य अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ऑपरेशन के शुरुआती समय में कनाडाई सेना से कहा गया था कि अगर उन्हें सिख मिलते हैं तो उन्हें भी निकाला जाए, लेकिन कुछ समय आदेश देते हुए कहा गया कि सिखों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाए। इससे सेना के अधिकारियों को गुस्सा भी आया। 

पूर्व कंजर्वेटिव नेता एरिन ओ’टूल, जो 2021 में काबुल के पतन के दौरान कंजर्वेटिव नेता थे। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ कॉमन्स की सुनवाई में इस बात की जांच होनी चाहिए कि अफगान सिखों को कनाडाई नागरिकों, स्थायी निवासियों और अफगानों पर प्राथमिकता क्यों दी गई, जिन्होंने युद्ध के दौरान कनाडा की सेना की सेवा में अपनी जान जोखिम में डाल दी।

ओ’टूल ने कहा,“इस पर कॉमन्स कमेटी की जांच होनी चाहिए। सरकार को इसके लिए बहुत कुछ जवाब देना है क्योंकि यह स्पष्ट है कि काम में अन्य राजनीति और प्राथमिकताएं भी थीं।” कनाडाई सेना के पूर्व अधिकारी ओ’टूल ने कहा कि यह जानकर परेशान होना पड़ा कि लिबरल सरकार उन लोगों को प्राथमिकता दे रही है जो कनाडा के अफगान मिशन से जुड़े ही नहीं थे। 

ब्लॉक क्यूबेकॉइस ने गुरुवार को कहा कि जब सदन इस बार फिर से शुरू होगा तो वह अफगान निकासी के दौरान सज्जन के कार्यों पर सुनवाई करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करेगा। विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे के प्रवक्ता ने कहा कि कंजर्वेटिव सुनवाई के प्रस्ताव का समर्थन करने पर विचार करेंगे।

पूर्व विशिष्ट कनाडाई विशेष बल के सैनिक डेविड लावेरी, जो उस समय वेटरन्स ट्रांजिशन नेटवर्क के हिस्से के रूप में काबुल में थे, उन्होंने कहा कि सज्जन के हस्तक्षेप ने निकासी प्रयासों को प्रभावित किया। अनुभवी समूह कनाडा में अधिक से अधिक पूर्व सैन्य अनुवादकों और फिक्सरों को लाने के लिए संघर्ष कर रहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap