दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के समीप लिथियम बैटरी बनाने वाली फैक्टरी में सोमवार को आग लग गई।
इस दुर्घटना में 22 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में ज्यादातर प्रवासी चीनी श्रमिक थे।
अग्निशमन अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया कि आग सुबह करीब 10:30 बजे लगी। सियोल के दक्षिण में स्थित ह्वासोंग शहर में फैक्ट्री की दूसरी मंजिल पर बैटरियों में विस्फोट होने से यह हादसा हुआ।
जिस समय यह घटना हुई, उस वक्त श्रमिक बैटरियों की जांच और पैकेजिंग कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।
स्थानीय अग्निशमन अधिकारी किम जिन-यंग ने बताया कि मृतकों में 18 चीनी, 2 दक्षिण कोरियाई और एक व्यक्ति लाओस का नागरिक था।
उन्होंने कहा कि मृतकों में से एक की नागरिकता का पता नहीं चल सका है। किम ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वाले एक व्यक्ति से संपर्क नहीं हो पाया है और बचावकर्मी घटनास्थल पर तलाश अभियान जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि 8 घायलों में से दो की हालत गंभीर है। आग एरिसेल नामक कंपनी के स्वामित्व वाली एक फैक्टरी की इमारत में लगी। किम ने बताया कि जो लोग मृत पाए गए वे संभवत: सीढ़ियों के रास्ते बाहर नहीं निकल पाए।
फैक्ट्री में आग बुझाने के उपकरण थे या नहीं?
अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि ऑफिसर इस बात की जांच करेंगे कि क्या फैक्ट्री में आग बुझाने के उपकरण थे और क्या वे चालू हालत में थे।
उन्होंने बताया कि आग लगने के समय फैक्ट्री में कुल 102 लोग काम कर रहे थे। इस बीच, प्रधानमंत्री हान डक-सू और गृह व सुरक्षा मंत्री ली सांग-मिन ने घटनास्थल का दौरा किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, हान ने अधिकारियों को मृतकों के रिश्तेदारों को सरकारी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
आग लगने की घटना से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो क्लिप्स सामने आए हैं जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इनमें देखकर यह साफ पता चलता है कि आग लगने की यह घटना कितनी भयावह थी।