चीन ने ब्रह्मांड के सबसे दूर तक आतिशबाजी की तरह टिमटिमाती गामा-किरणों को पकड़ने के लिए एक खगोलीय उपग्रह को लॉन्च किया।
शनिवार को अंतरिक्ष की ओर भेजा गया यह उपग्रह चीन और फ्रांस के वैज्ञानिकों के बीच लगभग 20 वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम था।
हालांकि संयुक्त रूप से लॉन्च किए गए इस उपग्रह का एक हिस्सा धरती पर आवासीय कॉलोनियों के ऊपर गिर गया। इससे लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई।
लोग इधर-उधर भागने लगे। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। दूसरी तरफ चीनी अधिकारियों का कहना है कि उनका मिशन सफल रहा और यान अपनी कक्षा में स्थापित हो चुका है।
शनिवार को चीन और फ्रांस ने मिलकर संयुक्त रूप से लॉन्च किए गए उपग्रह ले जाने वाले लॉन्ग मार्च 2-सी रॉकेट में विस्फोट हो गया।
इसका एक हिस्सा पृथ्वी पर एक आवासीय क्षेत्र में गिर गया। इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ देर तक लोगों को लगा कि आसमान से कोई चीज धरती पर गिरी है।
जानकारी के अनुसार, स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (एसवीओएम) नामक उपग्रह के साथ अंतरिक्ष यान ने 22 जून (स्थानीय समय) को सुबह 3.00 बजे ज़िचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से उड़ान भरी थी।
उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद रॉकेट का एक हिस्सा वापस धरती पर गिर गया। धरती पर रॉकेट का जो हिस्सा गिरा, उसे बूस्टर कहा जाता है।
इधर-उधर भागने लगे लोग, VIDEO
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें रॉकेट एक आबादी वाले इलाके में गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। यान का हिस्सा गिरने से लोगों में दहशत फैल गई और वे बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के अनुसार, यह उपग्रह अंतरिक्ष-आधारित मल्टी-बैंड वैरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (एसवीओएम) को दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में ज़िचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च -2 सी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
चीनी सरकार का बयान आया
हालांकि, चीनी अधिकारियों ने मिशन को सफल घोषित करते हुए पुष्टि की कि उपग्रह अब तक का सबसे शक्तिशाली उपग्रह है और सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में पहुंच गया है।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के अनुसार, उपग्रह का मिशन गामा-किरण विस्फोट सहित खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करना है।
यह चीन और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया पहला खगोल विज्ञान उपग्रह है, जो अंतरिक्ष और चंद्र अन्वेषण में चीन की बढ़ती ताकत को दिखाता है।