पाकिस्तान के पंजाब में सोमवार देर रात अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तानी सेना के रिटायर ब्रिगेडियर और आईएसआई के एक अहम व्यक्ति आमिर हमजा की हत्या कर दी।
हमजा को भारत के खिलाफ आईएसआई द्वारा संचालित ऑपरेशन में शामिल होने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वह जम्मू-कश्मीर के सुंजवान आर्मी कैंप पर 2018 में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था।
उस हमले में छह सैनिक शहीद हो गए थे। एक दर्जन से ज्यादा घायल हुए थे।
इसी हमले में शामिल एक और आतंकी की पिछले नवंबर में हत्या कर दी गई थी। लश्कर कमांडर ख्वाजा शाहिद उर्फ मिया मुजाहिद मुख्य साजिशकर्ता था। उसका सिर पीओके में एलओसी के पास कटा हुआ पाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमजा की पत्नी और बेटी भी उसके साथ कार में थीं। उन्हें चोटें आईं। पुलिस ने कहा है कि मारे गए आईएसआई एजेंट की किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। पाकिस्तानी पुलिस ने कहा है कि यह एक टारगेट हत्या थी।
ह हमला पंजाब के झेलम जिले में हुआ है। हमजा की कार पर मोटरसाइकिल सवार चार अज्ञात लोगों ने घात लगाकर हमला किया। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि कार झेलम में लीला इंटरचेंज पर पहुंची ही थी कि दो बाइकों पर सवार चार लोगों ने उसे दोनों तरफ से घेर लिया। झेलम पुलिस के अनुसार, पीछे बैठे लोगों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि हमजा का भाई अयूब हमले का गवाह था। वह हमले के समय मोटरसाइकिल पर अपने भाई की कार के साथ चल रहा था।
शिकायतकर्ता होने के बावजूद वह भी पुलिस की जांच के दायरे में है। पाकिस्तान पुलिस ने स्थानीय मीडिया को बताया, “हम इस हत्या की जांच रहे हैं। हमने मामला दर्ज कर लिया है और टारगेट हमले की जांच चल रही है।”
आपको बता दें कि भारत में आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकी हमलों से जुड़े पाकिस्तानी आतंकियों की लगातार हत्या हो रही है। इससे पहले अप्रैल में आईएसआई के एक प्रमुख गुर्गे और भारी सुरक्षा के साथ चलने वाले आमिर सरफराज को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया था।
अज्ञात लोगों ने दिसंबर में कराची में अदनान अहमद उर्फ अबू हंजाला को भी मार गिराया था, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर था।
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले फिदायीन दस्ते का मुख्य संचालक था। उसे अक्टूबर में सियालकोट की एक मस्जिद में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था।