कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद उन्हें आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित नई भारत सरकार के साथ बातचीत करने का “अवसर” दिखाई दे रहा है।
उनका ये बयान इटली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली बातचीत के कुछ दिनों बाद आया है।
जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत के साथ कई “बड़े मुद्दों” पर “समन्वय” है और वह भारत की नई सरकार के साथ आर्थिक संबंधों और “राष्ट्रीय सुरक्षा” सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने का एक “अवसर” देखते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें एक लाइन में कहा गया था कि “जी 7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात हुई।’’
दक्षिणी इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई यह बैठक खालिस्तानी चरमपंथ को लेकर दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में तनाव आने के बीच पहली थी। दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में तब तनाव आ गया था जब ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में सिख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की “संभावित” संलिप्तता का आरोप लगाया था।
ओटावा लौटने के बाद ट्रूडो ने ‘सीबीसी न्यूज’ को बताया कि शिखर सम्मेलन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि “आपको विभिन्न नेताओं के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है, जिनके साथ विभिन्न मुद्दे हैं और निश्चित रूप से भारत के साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों के साथ ही वास्तव में महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध हैं।”
उन्होंने कहा, “कई बड़े मुद्दों पर सहमति है, जिन पर हमें काम करने की आवश्यकता है। लेकिन अब जब वह (मोदी) चुनाव जीत चुके हैं, तो मुझे लगता है कि हमारे लिए बातचीत करने का अवसर है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने और कानून के शासन से जुड़े कुछ बहुत गंभीर मुद्दे शामिल हैं, जिन पर हम बातचीत करेंगे।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की हत्या की कनाडाई जांच में भारत से सहयोग में सुधार देखा है, तो ट्रूडो ने कहा, “इस पर बहुत काम चल रहा है।” पिछले साल ट्रूडो के आरोपों को विदेश मंत्रालय (एमईए) ने “बेतुका और प्रेरित” बताकर दृढ़ता से खारिज कर दिया था।
भारत यह कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा, कनाडा की धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को जगह दे रहा है। भारत ने कई बार कनाडा को अपनी “गंभीर चिंताओं” से अवगत कराया है और नयी दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। निज्जर की हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा की जा रही है। आरसीएमपी ने इस संबंध में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है।