प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार) :
कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं। शनि को अपनी स्वराशि कुंभ बहुत ही प्रिय है।
शनि की राशि होने के कारण इस पर शनि का गहरा प्रभाव रहता है।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो कुंभ राशि वालों के शुभ-अशुभ परिणाम ज्यादातर शनि पर ही निर्भर करते हैं। कहते हैं कि कुंभ राशि वालों के अंदर अध्यात्म, अंतर्ध्यान और कला के गुण जरूर पाए जाते हैं।
कहते हैं कि इस राशि के जातक आमतौर पर समाज के एक बड़े ग्रुप को सीधा प्रभावित करते हैं। कुंभ राशि वालों को जीवन में विशेष सफलता हासिल होती है।
इस राशि के जातकों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है आलस। जानें शनि की स्वराशि कुंभ की कुछ खास विशेषताएं और कब मिलेगी शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति-
कुंभ राशि के लोग कैसे होते हैं- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि के लोग आत्मविश्वासी होते हैं। यह बुद्धिमान और दृढ़निश्चयी माने गए हैं। हालांकि शनि का प्रभाव होने के कारण इस राशि के जातकों में कभी-कभी कठोरता भी देखी जाती है।
राशि तत्व के कारण होते हैं मन के मालिक- ज्योतिष में राशियों को अलग-अलग तत्वों में बांटा गया है। कुंभ राशि को वायु तत्व की राशि माना गया है। कहते हैं कि राशि तत्व के कारण कुंभ राशि के जातक अपने मन के मालिक होते हैं और अपनी इच्छानुसार ही कार्य करते हैं।
कुंभ राशि वालों की नकारात्मकता- कुंभ राशि वालों के नकारात्मक पहलू की बात करें तो इन्हें क्रोध जल्दी आता है। ये अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने जल्दी शेयर नहीं कर पाते हैं।
कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति- वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनि के कुंभ राशि में होने से कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी और छुटकारा 3 जून 2027 को मिलेगी, लेकिन शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह से मुक्ति 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर मिलेगी।