भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भी सीटों का घाटा हुआ है।
राज्य के भाजपा नेता इसकी एक वजह नीति और प्रदेश इकाई का काम करने का तरीका भी बता रहे हैं।
सलाह दी जा रही है कि पार्टी के शीर्ष के तीन नेताओं में से किसी एक को बंगाल भाजपा के नेताओं से मुलाकात करनी होगी। राज्य में विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा लोकसभा में भी 18 सीटों से घटकर 12 पर आ गई है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विष्णुपुर सीट जीतने वाले सौमित्र खान का कहना है कि पार्टी ने कुछ गलत फैसले लिए थे औ हमारी नीति बनाने में दिक्कतें थीं।
वह बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने हर लोकसभा क्षेत्र में दो विधानसभा क्षेत्रों पर खासा ध्यान लगाया और उसी तरह से योजना बनाई, जिसका हम मुकाबला नहीं कर सके।
नेतृत्व को लेकर खान का कहना है कि उन्हें सभी को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के योगदान को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकते और अगर वे साथ लेकर नहीं चलते हैं, तो अगला चुनावी झटका लगना भी तय है।
प्रदेश नेतृत्व पर सवाल
अखबार से चर्चा में खान कहते हैं कि जो भी प्रदेश इकाई चला सकते हैं वो अपना मुंह खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो साफ है कि अयोग्य लोग ही फिलहाल प्रदेश इकाई चला रहे हैं।
उन्होंने सलाह दी है कि हमें जिलावार नेतृत्व तैयार करना होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को बंगाल भाजपा नेताओं के साथ बैठना होगा और आत्ममंथन करना होगा कि हम ज्यादा सीटें क्यों नहीं जीत सके। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थिति और खराब होने से रोकने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना होगा।
टीएमसी से मिला न्योता?
टीएमसी में वापसी के सवाल पर खान कहते हैं कि उन्हें बार-बार पार्टी बदलने में भरोसा नहीं है, लेकिन वह टीएमसी नेताओं के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखना चाह रहे हैं।
अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि टीएमसी नेताओं ने चुनाव के बाद मुझसे संपर्क किया था और कुछ प्रस्ताव भी आए हैं, लेकिन मैंने अब तक कोई मन नहीं बनाया है।