रिपोर्टों के अनुसार हमास ने संयुक्त राष्ट्र संघ गाजा में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए लाए गए शांति समझौते को स्वीकार कर लिया है।
कई मीडिया संस्थानों ने मंगलवार को हमास के एक वरिष्ठ सदस्य के हवाले से यह रिपोर्ट की।
हमास के वरिष्ठ सदस्य अबू जुहरी ने कहा,” हम समझौते के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। अब यह अमेरिका को देखना होगा कि इजरायल UN के इस समझौते को माने।”
अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटोनी ब्लिंकेन से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे “A HOPEFULL SIGN”
इसके बाद ब्लिंकेन ने कहा कि हमें हमास से अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं मिली है।
इससे पहले ब्लिंकेन इजरायली समकक्ष से मिले थे और उनसे गाजा पर हवाई हमले और जमीनी हमले खत्म करने को कहा।
इस शांति समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन के द्वारा प्रस्तावित किया गया था जिसे यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से मान्यता मिली थी।
शांति समझौते के अनुसार, इजरायल अपनी सेना गाजा से पीछे लेगा। हमास बंधियों को फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में छोड़ देगा।
रॉयटर्स से बात करते हुए अबू जूहरी ने कहा कि अमेरिका के लिए यह एक परीक्षा जैसा है कि उन्होंने जो कहा है वह उसे पूरा कर पाते हैं या नहीं, और वह कब तक यूएन का शांति समझौता लागू करवा पाते हैं।
यूएस फिलिस्तीन को देगा 404मिलियन डॉलर की मदद
अमेरिका ने मंगलवार को घोषणा करके बताया कि वह गाजा और वेस्टबैंक में मानवीय सहायता के लिए 404 मिलियन डॉलर की मदद देगा। इस नए पैकेज की घोषणा के साथ ही अमेरिका की इस युद्ध में कुल मदद 674 मिलियन डॉलर की हो गई है।
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल -हमास युद्ध में सबसे ज्यादा अमेरिकी सहायता पहुंचाने वाले देश के रूप में हम जानते हैं कि वहां मानवीय सहायता के लिए यह राशि कितनी जरूरी है।
हम दुनिया भर के दानदाताओं से अपील करेंगे की वे आगे बढ़कर गाजा में जिंदगीं बचाने की मुहिम में सहायता के लिए दान दें।
यह नई मदद गाजा में फिलिस्तीनी लोगों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, इससे उनके खाने, पीने के पानी, स्वास्थ सेवाओं, शिक्षा, घर जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जाएगा।