सरकार ने जेम्स और कीमती पत्थरों से सुसज्जित कुछ खास तरह के सोने के आभूषणों के आयात पर मंगलवार को रोक लगा दिया।
यह कदम इंडोनेशिया और तंजानिया से इन उत्पादों के आयात को हतोत्साहित कर सकता है।
हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त शुल्क समझौते के तहत वैध शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) में आयात प्राधिकार के बगैर भी इन जड़ित स्वर्ण आभूषणों के आयात की मंजूरी होगी।
क्या है अधिसूचना में
डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा कि मोती, कुछ खास किस्म के हीरे और अन्य कीमती एवं कम मूल्यवान पत्थरों से जड़े सोने के आभूषणों की आयात नीति को तत्काल प्रभाव से संशोधित कर ‘मुक्त से अंकुश’ कर दिया गया है।
अंकुश की श्रेणी में रखी गई वस्तुओं का आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस/ अनुमति लेने की जरूरत होती है। एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि इंडोनेशिया और तंजानिया से इन वस्तुओं के आयात में वृद्धि हुई है।
भारत का इंडोनेशिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता है।
30 प्रतिशत बढ़ा सोने का आयात
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मजबूत घरेलू मांग रहने से देश में सोने का आयात वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया।
वित्त वर्ष 2022-23 में सोने का आयात 35 अरब डॉलर का रहा था। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मार्च में कीमती धातु का आयात 53.56 प्रतिशत घटकर 1.53 अरब डॉलर रह गया।
स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत की है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आयात में हिस्सेदारी 16 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका की लगभग 10 प्रतिशत है।
देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक रही है। फिलहाल सोने पर 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है।
बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा बड़ा उपभोक्ता है। यह आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है।