ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले पूर्व पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को कहा कि पुराने प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच बराबरी के आधार पर दोस्ती के लिए यह बिल्कुल उपयुक्त समय है।
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कभी करीबी रहे चौधरी ने कहा, ‘‘खान और पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भारत में दोस्त बनाने के पक्ष में थे।’’
वर्ष 2023 में खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को छोड़ चुके 48 वर्षीय चौधरी यहां ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल एजुकेशन’ द्वारा आयोजित ‘भारतीय चुनाव एवं दक्षिण एशिया पर उसके प्रभाव’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय पंजाब यहां से महज कुछ किलोमीटर दूर है लेकिन पाकिस्तानियों को वहां जाने के लिए दुबई से उड़ान लेनी होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच कोई वीजा नहीं होनी चाहिए। अब समय आ गया है कि दोनों चिर प्रतिद्वंद्वियों को बराबरी के आधार पर दोस्ती की चर्चा करने की जरूरत है।’’
चौधरी ने चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान को अगले 15 सालों में सिंधु बेसिन में बड़ी जल चुनौतियों का सामना करना होगा, इसलिए उन्हें एक दूसरे से बातचीत करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ पानी के मामले को लेकर सहयोग कायम करने में विफल रहने पर यह क्षेत्र अस्थिर हो सकता है।’’
उन्होंने कहा कि मोदी की भारतीय जनता पार्टी की चरमपंथ नीतियों एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उसके सहयोगियों की नीतियों में वैचारिक अंतर संकेत देता है कि गठबंधन की एकता का बिखरना आसन्न है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह अस्थिरता बताती है कि भाजपा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी जिससे (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।’’