शनिवार को पेटीएम के लिए एक बुरी खबर आई।
भारत के यूपीआई मार्केट में पेटीएम की स्थिति पहले से कमजोर हुई है।
आंकड़े दर्शाते हैं कि लगातार चौथे महीने यूपीआई में पेटीएम का मार्केट शेयर घटा है। मई में हुई सभी यूपीआई ट्रांजैक्शन में 8.1 प्रतिशत हिस्सा पेटीएम का रहा है।
जोकि जनवरी में 13 प्रतिशत था। बता दें, यह आंकड़े नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने जारी किया है।
7 जून को कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लगा था। जिसके बाद पेटीएम के शेयरों का भाव 10 प्रतिशत की उछाल के बाद 381.20 रुपये के लेवल पर पहुंच गया था।
इससे पहले 4 और 5 जून को कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लगा था। अब सोमवार को सभी की निगाहें पेटीएम के शेयरों पर रहेंगी।
55% टूट चुका है पेटीएम के शेयरों का भाव
पेटीएम के लिए जनवरी का महीना शनादार रहा था। लेकिन इसी महीने रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर कड़ा फैसला लिया था।
जिसका असर अब तक देखने को मिल रहा है। तब से अबतक पेटीएम के शेयरों की कीमतों में 55 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
बता दें, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को पेटीएम के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। लेकिन कंपनी के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा के फिनटेक साम्राज्य का ही अंग है।
फोन-पे ने सबको पछाड़ा
मई के महीने में कुल 14.04 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे। जोकि महीने दर महीने के हिसाब से 5 प्रतिशत अधिक है। पेटीएम को फोन-पे और गूगल पे से कड़ी टक्कर मिल रही है।
मई में वालमार्ट के मालिकाना हक वाली कंपनी फोन पे का का यूपीआई ट्रांजैक्शन में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। वहीं, गूगल पे की कुल हिस्सेदारी 37 प्रतिशत रही।
रेवन्यू पर पड़ेगा असर
रिजर्व बैंक के फैसले के बाद पेटीएम ने एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से साझेदारी की है। इस गठजोड़ के जरिए पेटीएम से यूपीआई ट्रांजैक्शन लगतार किया जा रहा है।
कंपनी ने रिजर्व बैंक के फैसले के बाद कमाई पर असर पड़ने की संभावना जताई है। विजय शंकर शर्मा ने हाल ही में कहा था कि समस्याओं की वजह से चौथी तिमाही में रेवन्यू और मुनाफे पर असर पड़ेगा।