प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार) :
हिंदू धर्म में हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है।
इस व्रत में अन्न और जल का सेवन नहीं करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से विष्णुजी के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।
साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। दृक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी के दिन व्रती को व्रत के कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।
आइए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की सही तिथि और व्रत के नियम…
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त :दृक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट रक होगी और अगले दिन यानी 18 जून 2024 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी।
ऐसे में 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी का उपवास रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी व्रत के नियम :
-निर्जला एकादशी व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप नमक का सेवन बहुत जरूरी है, तो सेंधा नमक खा सकते हैं।
इसके अलावा इस दिन परिवार के सदस्यों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन चावल खाने से बचना चाहिए।
-निर्जला एकादशी व्रत में अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। इस व्रत में जल का त्याग किया जाता है और व्रत का पारण करने के बाद ही जल का सेवन करते हैं। हालांकि, बीमार होने पर पानी पी सकते हैं।
-गर्भवती महिलाओं को निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए। इस दिन प्रेग्नेंट लेडीज विष्णुजी और मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना कर सकती है।
-निर्जला एकादशी के दिन विष्णुजी की पूजा के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़े। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने और व्रत कथा पढ़ने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
-इस दिन राहगीरों को पानी पिलाएं। पशु-पक्षियों के छत पर थोड़ा दाना और पानी रख दें। ऐसा करने से विष्णुजी प्रसन्न होते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।