भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास (ShaktiKant Das) शुक्रवार यानी आज को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा कर रहे हैं।
मंहगाई को लेकर चिंता के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 6.5 पर्सेंट पर बरकरार रखा है।
बता दें, आखिरी बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था। यानी बीते 16 महीनों से इसमें बदलाव नहीं हुआ है।
देश में 10 सालों के बाद एक बार फिर गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सत्तारुढ़ बीजेपी अपने दम पर बहुमत पाने में असफल रह गई है।
ऐसे में चुनावी परिणाम के बाद हुई रिजर्व बैंक की इस बैठक के नतीजों पर सबकी निगाह थी। बता दें, रिजर्व बैंक की यह मीटिंग पहले से तय समय पर ही हुई है।
इन देशों में शुरू हुई है कटौती
विशेषज्ञों का मानना था कि मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच आरबीआई नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखेगा।
हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ कनाडा ने अपनी-अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है। बता दें, एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई।
क्या थी एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आ रही है, ऐसे में एमपीसी नीतिगत दर में कटौती से बच सकती है।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत रहने (आंकड़ा इस महीने के दूसरे सप्ताह जारी होगी) का अनुमान है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 4.83 प्रतिशत रही थी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े विनोद नायर कहते हैं, “उम्मीद है कि रिजर्व बैंक पुरानी स्थिति को बरकरार रखेगा। हालांकि, इसके बावजूद की CPI 4.85 प्रतिशत से 4.83 प्रतिशत पर आ गया।
चिंता की बात खाद्य महंगाई दर है। जोकि 8.7 प्रतिशत पहुंच गया है।