कनाडा में खालिस्तानियों की हरकत लगातार भारत की चिंताएं बढ़ा रही है।
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर गुरुवार को खालिस्तानी तत्वों ने वैंकुवर में स्थित भारतीय कौंसुलेट के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान इन अलगाववादी तत्वों ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाने वाली तस्वीरें प्रदर्शित कीं।
अब भारत सरकार ने इस मामले को औपचारिक तौर पर कनाडा से उठाने का फैसला लिया है। इस प्रदर्शन के दौरान इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी करने का चित्रण किया गया।
इंदिरा गांधी की उनके ही दो सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इन हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा को पंजाब की लोकसभा सीट से जीत मिल गई है।
अलगाववादियों की हिम्मत और कनाडा में उन्हें मिल रहे बढ़ावे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वे भारतीय कौंसुलेट के बाहर जमा हुए।
भारत विरोधी नारे लगाए। वैंकुवर के अलावा टोरंटो में भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ। इसमें इंदिरा गांधी की हत्या के चित्रण वाली तस्वीरें तो नहीं दिखाई गईं, लेकिन वहां जुटे लोगों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे और नारेबाजी कर रहे थे।
भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि हम इस मामले में शिकायत करेंगे। बता दें कि 40 साल पहले भारतीय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकियों में जरनैल सिंह भिंडरावाले भी था।
निज्जर की हत्या के बाद से कनाडा और भारत के रिश्ते भी बिगड़े
खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के आह्वान पर ये प्रदर्शन हुए। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमले की धमकी दे चुका है।
बीते साल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या हो गई थी। इसके बाद से कनाडा और भारत के रिश्ते बिगड़े हुए हैं।
इस हत्या में कनाडा ने भारतीय एजेंट्स का हाथ बताया था। इस पर भारत ने ऐतराज जताया था और कहा था कि यदि आपके पास सबूत हैं तो दें। अब तक कनाडा इस मामले में कोई सबूत नहीं पेश कर सका है, लेकिन उसने 4 लोगों को गिरफ्तार जरूर किया है।
इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाते दिखाया गया
भारतीय कौंसुलेट के बाहर जिस तरह से इंदिरा गांधी की हत्या का चित्रण किया गया, वह बेहद आपत्तिजनक है। इस चित्रण में दिखाया गया है कि कैसे इंदिरा गांधी के ही सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह और सतवंत सिंह गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर देते हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सतवंत सिंह को सुरक्षाकर्मियों ने वहीं मार गिराया था। इसके अलावा बेअंत सिंह को अरेस्ट कर लिया गया था, जिसे बाद में फांसी दी गई थी।