PoK विदेशी धरती है, हमारे कानून वहां नहीं चलते; पाकिस्तान का बहुत बड़ा कबूलनामा…

पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) एक विदेशी क्षेत्र है और इस पर पाकिस्तान का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।

कश्मीरी शायर और पत्रकार अहमद फरहाद शाह के अपहरण मामले में शुक्रवार (31 मई) को पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने यह बात कबूल की है।

इस्लामाबाद की अदालत अहमद फरहाद शाह के मामले की सुनवाई कर रही थी। फरहाद को 15 मई को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने रावलपिंडी में उनके घर से अगवा कर लिया था।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कश्मीरी शायर अहमद फरहाद का पता लगाने से संबंधित मामले को समाप्त करने की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें पहले अदालत में पेश किया जाए।

फरहाद 14 मई को रावलपिंडी से लापता हो गए थे, जिसके एक दिन बाद उनकी पत्नी उरूज जैनब ने उन्हें ढूंढने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की थी।

अपनी विद्रोही शायरी के लिए मशहूर फरहाद को उनके घर से अगवा कर लिया गया था। इससे पहले, बुधवार को अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने उच्च न्यायालय को बताया कि शायर को ‘गिरफ्तार’ किया गया था और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की पुलिस की हिरासत में हैं।

पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने न्यायमूर्ति कयानी के समक्ष दलील दी कि फरहाद शाह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में है और उसे इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश नहीं किया जा सकता।

रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कश्मीर एक विदेशी क्षेत्र है, जिसका अपना संविधान और अपनी अदालतें हैं और पीओके में पाकिस्तानी अदालतों के फैसले विदेशी अदालतों के फैसले जैसे लगते हैं।

एआईआर की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति कयानी ने कहा कि यदि पीओके विदेशी क्षेत्र है, तो पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी रेंजर्स वहां कैसे घुस आए।

सुनवाई के दौरान, कयानी ने लोगों के जबरन अपहरण की प्रथा जारी रखने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को फटकार लगाई।

अदालत में बहस के दौरान यह बात सामने आई कि अहमद फरहाद शाह को धीरकोट पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है। उसके खिलाफ पीओके में दो मामले दर्ज हैं।  

सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल मुनव्वर इकबाल ने अदालत को बताया कि शायर दो जून तक हिरासत में हैं और शायर के परिवार को उनसे मिलने की अनुमति है।

इकबाल ने इसके बाद अदालत से अवैध रूप से कैद करने संबंधी मामले को समाप्त करने का आग्रह किया। वहीं, फरहाद के वकील ने दलील दी कि शायर का परिवार पीओके के धीरकोट पुलिस थाने गया था, लेकिन वह वहां नहीं थे।

बाद में परिवार को बताया गया कि शायर को जांच के लिए मुजफ्फराबाद ले जाया गया है।

न्यायमूर्ति कयानी ने दलीलें सुनने के बाद मामले को समाप्त करने संबंधी याचिका खारिज कर दी और कहा कि यह मामला उस दिन समाप्त होगा जिस दिन फरहाद को अदालत में पेश किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई सात जून को होगी।

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