पुणे में पोर्शे कांड के आरोपी की मां को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उसने पुलिस से पूछताछ में कबूल कर लिया है कि उसने ब्लड सैंपल के नमूनों से छेड़छाड़ की थी और बेटे के बजाय अपने सैंपल जमा कर दिए थे।
अब महिला का दावा है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने ही उसे सैंपल बदलने का आइडिया दिया था। पुलिस ने अपनी जांच के तौर पर नाबालिग से उसकी मां की मौजूदगी में उस सुधार गृह में एक घंटे तक पूछताछ की, जहां उसे पांच जून तक रखा गया है।
पुणे पोर्श कांड में लगातार खुलासे हो रहे हैं। पहले जानकारी सामने आई थी कि अस्पताल में कांड के मुख्य आरोपी (उम्र 17 साल) के ब्लड सैंपल कूड़ेदान में फेंक दिए गए थे।
फिर जानकारी सामने आई थी कि ब्लड सैंपल आरोपी की मां से बदला दिए गए ताकि आरोपी बेगुनाह साबित हो सके। अब जब पुलिस ने आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर लिया है तो उसने भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
महिला का दावा है कि डॉक्टरों ने ही उसे सैंपल बदलने का आइडिया दिया था। पुणे पुलिस कमिश्नर अमिते कुमार ने बताया कि हमने महिला के बयान दर्ज कर लिए हैं। उसे शनिवार सुबह 6.30 बजे गिरफ्तार किया गया था।
रईसजादे की मां के सनसनीखेज खुलासे
पुलिस की बताई कहानी के अनुसार, महिला ने हमें बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे अपने बेटे के बजाय अपना खून सैंपल के तौर पर देने के लिए कहा था।
हालांकि महिला इस सवाल का जवाब देने में असमर्थ थी कि डॉक्टरों ने उसे ऐसा क्यों कहा? महिला यह भी नहीं बता पाई कि वह क्यों डॉक्टरों के कहने पर आ गई और इस तरह के अपराध में शामिल क्यों हुई?
पुणे पोर्श कांड में आरोपी की मां पर पुलिस से जालसाजी करने और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले पुलिस की अपराध शाखा ने इससे पहले ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हल्नोर और अस्पताल के कर्मचारी अतुल घाटकांबले को रक्त के नमूने की अदला-बदली प्रकरण में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, नाबालिग के पिता और मां ने तावड़े, हल्नोर और घाटकाम्बले के साथ मिलकर रक्त के नमूने बदलने की साजिश रची थी तथा यह पता चला है कि इसके लिए आरोपियों के बीच वित्तीय लेनदेन हुआ था।