दुनियाभर में पहचान बना चुकीं भारतवंशी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा शनिवार को अंतिम चरण में टालनी पड़ गई।
इसके पीछे तकनीकी खराबी को वजह बताया गया है। इस तरह की घटना दूसरी बार हुई है जब ऐन वक्त पर यात्रा रोकनी पड़ गई।
7 मई को भी सुनीता विलियम्स का अंतरिक्षयान रवाना होने वाला ही था कि यात्रा टाल दी गई थी। बता दें कि साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी बुच विल्मोर के साथ वह नासा के बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में उड़ान भरने वाली थीं।
यात्रा शुरू होने से तीन मिनट और 50 सेकंड पहले उलटी गिनती रोक दी गई। यह अब तक क्लियर नहीं हो पाया कि कंप्यूटर ने गिनती क्यों रोक दी।
दोनों अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा से ऐटलस वी रॉकेट के जरिए यात्रा करने जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक दोनों ही अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं।
अब NASA का कहना है कि अगले 24 घंटे में अंतरिक्ष यात्रा शुरू होगी। हालांकि इसका कोई समय नहीं बताया गया है। जानकारी के मुताबिक ग्राउंड लॉन्च सेक्वेंसर को तकनीकी खराबी का पता चला था।
यह ऐसा कंप्यूटर होता है जो कि रॉकेट के बारे में जानकारी रखता है। इसके बाद दोनों ही अंतरिक्षयात्री कैप्सूल से बाहर आ गए और क्रू क्वार्टर में चले गए।
इससे पहले 7 मई को इसी तरह हुआ था। इसके बाद नासा ने कहा था, ऐटलस वी रॉकेट में ऑक्सीजन रिलीफ वाल्व में दिक्कत की वजह से उड़ान टाल दी गई थी।
इसके बाद से टीम इस वाल्व को सही करने में लगी थी। स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक की भी समस्या पाई गई थी।
बता दें कि यह सुनीता विलियम्स की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा होने वाली है। वह अब तक 322 दिन स्पेस में बिता चुकी हैं। यह किसी महिला का अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड है।
पहली बार सुनीता विलियम्स को 9 दिसंबर 2006 में अंतरिक्ष में भेजा गया था। इसके बाद उन्होंने 22 जून 2007 में अंतरिक्ष यात्रा की और इस दौरान वह चार बार स्पेसवॉक पर निकलीं।
सुनीता विलियम्स की उम्र 59 साल है। स्टारलाइनर कैप्सूल को डिजाइन करने में भी उन्होंने मदद की है।
उन्होंने कहा था, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में जाना उनके लिए उसी तरह है जैसे कि वह अपने घर लौट रही हों। सुनीत विलियम्स की यह यात्रा भारतीय मानक समय के हिसाब से रात के 10 बजे जॉन एफ कैनेडी स्पेस सेंटर से शुरू होने वाली थी।