दुनियाभर में सजा-ए-मौत के मामलों में रिकॉर्डतोड़ वृद्धि हुई है। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि साल 2023 में दुनियाभर की विभिन्न सरकारों ने 1153 लोगों को मौत की सजा दी।
यह आंकड़ा साल 2022 के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा मौत की सजा मुस्लिम राष्ट्र ईरान में दी गई हैं। यहां सरकार ने सालभर में ही 853 लोगों को फंदे पर लटका दिया।
इसके अलावा चीन और अमेरिका भी पीछे नहीं हैं। यहां मौत की सजा में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है।
चीन ने छिपाए मौत के आंकड़े
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि 2023 में दुनियाभर में कुल 1153 मृत्युदंड दर्ज किए हैं। दर्ज की गई फांसी की सजाओं में वृद्धि मुख्य रूप से ईरान के कारण हुई है।
यहां 2023 में कम से कम 853 लोगों को फांसी दी गई, जबकि 2022 में यहां यह संख्या 576 थी। एमनेस्टी ने यह भी कहा कि इस आंकड़े में हजारों मौत की सजाएं शामिल नहीं हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि चीन ने अधिकतर सजा-ए-मौत के मामलों को छिपाया है।
ईरान ने पार की क्रूरता
एमनेस्टी ने कहा है कि ईरान में साल 2023 को जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया उनमें 24 महिलाएं और पांच बच्चे भी शामिल थे।
एमनेस्टी के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने एक बयान में कहा, “ईरानी अधिकारियों ने सजा-ए-मौत के मामलों में क्रूरता दिखाई है।
नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में भी फांसी की सजा दी गई। ईरान में सबसे ज्यादा फांसी पाने वाले अपराधी गरीब तबके के लोग थे। ईरान में मृत्यु दंड के 74 फ़ीसदी मामले रिपोर्ट हुए हैं।
अमेरिका, सऊदी अरब समेत इन 5 देशों में भी बढ़े केस
संस्था ने कहा कि चीन, ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और संयुक्त राज्य अमेरिका 2023 में सबसे अधिक संख्या में फांसी देने वाले पांच देश हैं।
एमनेस्टी की वार्षिक रिपोर्ट में 2023 को दर्ज किए गए कुल केस 2015 के बाद सबसे अधिक हैं। 2015 में 1,634 लोगों को फांसी दी गई थी।
अमेरिका में मृत्युदंड की दर 18 से बढ़कर 24 हो गई है। वहीं, सजा-ए-मौत के कुल मामलों में 15 फ़ीसदी केस सऊदी अरब में रिपोर्ट हुए हैं।
एमनेस्टी का कहना है कि उसे उत्तर कोरिया, वियतनाम, सीरिया, फिलस्तीन और अफ़ग़ानिस्तान के सटीक और आधिकारिक आंकड़े नहीं मिल सके।