इन 3 राशियों पर है शनि की टेढ़ी नजर, शनि जयंती पर इस उपाय को करने से चमकेगा भाग्य…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। 

इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस पावन दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

इस साल 6 जून को शनि जयंती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव कर्म फल दाता हैं।

शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि जयंती के दिन शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए शनि देव की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। ज्योतिष में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है।

शनिदेव न्याय के देवता हैं और सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं। शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इस समयमीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण सबसे अधिक खतरनाक होता है।

साढ़ेसाती के पहले चरण में व्यक्ति को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। शनि की साढ़ेसाती के अलावा शनि की ढैय्या लगने पर भी व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें पूजा- अर्चना:

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • शनिदेव के मंदिर जाएं।
  • शनिदेव को तेल, पुष्प अर्पित करें।
  • शनि चालीसा का पाठ करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • इस पावन दिन दान भी करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

इन मंत्रों का जप करें

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जप करें…

  • “ऊं शं अभयहस्ताय नमः””ऊं शं शनैश्चराय नमः” “ऊं नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम” 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap