प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 24 साल से गाली खा-खाकर ‘गाली प्रूफ’ हो गया हूं।
चुनाव के दौरान निजी टिप्पणियों को लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर भी तंज कसा और कहा कि मौत का सौदागर किसने कहा था, गंदी नाली का कीड़ा किसने कहा था।
मेरे यहां तो संसद के एक साथी ने हिसाब लगाया और 101 गालियां गिनाईं। चुनाव हो या ना हो। ये लोग मानते हैं कि गालियां देने का अधिकार उनका ही है। वे हताश-निराश इतने हो चुके हैं कि गालियां देना, अपशब्द बोलना उनके स्वाभाव में हो गया है।
एएनआई को दिए इंटरव्यू में आरक्षण के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि इन्होंने रातों-रात मुसलमान की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया।
इसके खिलाफ चुनाव की सरगर्मी के दौरान हाई कोर्ट का जजमेंट आ गया , तब साफ हुआ कि इतना बड़ा धोखा हो रहा है। अब वे न्यायपालिका को भी गाली दे रहे हैं। वे यहां तक कह रहे हैं कि हम कोर्ट की बात मानने वाले नहीं हैं। यह स्थिति किसी हालत में स्वीकार्य नहीं होगी।
ईडी, सीबीआई पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री से जब विपक्ष के ईडी, सीबीआई के इस्तेमाल को लेकर आरोप पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, विपक्ष ने आपको कूड़ा कचरा पकड़ा दिया।
वह कूड़ा कचरा लेकर आप हमारे पास पहुंच गए। मीडिया वाले रिसर्च करें कि सरकार से क्या सवाल पूछने चाहिए। उनका कूड़ा कचरा लेकर आप हमारे यहां आते हैं।
मैं कूड़े कचरे को रीसाइकल करके खाद में परिवर्तित कर दूंगा। उसमें से देश के लिए कुछ अच्छा पैदा कर दूंगा। लेकिन सरकार क्या करे।
प्रधानमंत्री ने कहा, गांव के सरपंच को भी चेकबुक पर साइन करने का अधिकार होता है लेकिन देश के प्रधानमंत्री को नहीं है। इतना भी ज्ञान नहीं है इन लोगों को।
देश के प्रधानमंत्री के पास इस तरह का कोई अधिकार नहीं होता। मोदी सरकार का उद्देश्य क्या है? मोदी सरकार ने अफसरों को कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
किसी जमाने में मनमोहन सिंह जी की सरकार में 34 लाख रुपये पकड़े गए थे। बीते 10 साल में ईडी ने 2200 करोड़ रुपये पकड़े हैं। जो 200 करोड़ देश के लिए वापस लाया है, उसका सम्मान होना चाहिए या गाली गलौज होना चाहिए।
अब 2200 करोड़ जिसकी जेब से गया, वह चिल्ला रहा है। इसका मतलब चोर पकड़ जाएगा तो उसमें जिसकी भागेदारी होगी वह चिल्लाएगा।