संयुक्त राष्ट्र (UN) की शीर्ष अदालत ने इजरायल को गाजा के दक्षिण स्थित शहर राफा में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने का आदेश दिया है।
वहीं इजरायल का कहना है कि उसे हमास के आतंकवादियों से खुद की रक्षा करने का अधिकार है और उसके द्वारा इस फैसले का पालन करने की संभावना नहीं है।
इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) के इस आदेश से गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध को रोकने के लिए इजरायल पर वैश्विक दबाव और बढ़ गया है।
गाजा में अपने सैन्य अभियान को लेकर इजरायल पहले ही अलग-थलग पड़ता जा रहा है।
आईसीजे के शुक्रवार के फैसले के साथ इस साल 15 न्यायाधीशों की पीठ ने तीसरी बार गाजा में हताहतों की संख्या घटाने और मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए प्रारंभिक आदेश जारी किए हैं।
आदेश कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के लिए अदालत के पास कोई शक्ति नहीं है।
आईसीजे के फैसले से खुश हुआ हमास, कर दी ये मांग
कोर्ट के फैसले से आतंकी समूह हमास खुश नजर आ रहा है। उसने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। फिलिस्तीन के समूह ने एक बयान में कहा है कि वह आईसीजे के फैसलों का स्वागत करता है क्योंकि इजरायली सेना गाजा पट्टी में “नरसंहार” कर रही है।
लेकिन हमास ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अदालत इजरायल को केवल राफा में ही नहीं बल्कि पूरे घिरे क्षेत्र में अपने सैन्य अभियानों को रोकने का आदेश जारी करेगी।
इसने कहा, “जबलिया और गाजा पट्टी के अन्य प्रांतों में जो हो रहा है वह राफा में जो हो रहा है उससे कम आपराधिक और खतरनाक नहीं है।”
हमास ने कहा, “हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से आह्वान करते हैं कि वे इस फैसले का तुरंत पालन करने के लिए इजरायल पर दबाव डालें और संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों का गंभीरता से और ईमानदारी से लागू करने के लिए आगे बढ़ें।”