इजरायल और हमास आतंकियों के बीच चल रही भीषण लड़ाई के बीच नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने फिलिस्तीन को औपचारिक देश के रूप में मान्यता दे दी है।
तीनों देशों के इस कदम ने इजरायल को बुरी तरह भड़का दिया है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए तीनों देशों से राजदूत वापस बुला लिए हैं।
साथ ही तंज भी कसा कि यह हत्यारों को गोल्ड मेडल देने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह कदम 7 अक्तूबर को इजरायल में हुए भीषण नरसंहार का समर्थन करता है।
हालांकि इससे हम रुकने वाले नहीं हैं। अगर यह फैसला वापस नहीं लिया तो हम उन देशों के खिलाफ भी इसी तरह के कदम उठाएंगे।
प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को कहा कि स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे की फिलिस्तीन को देश की मान्यता देना “आतंकवाद के लिए इनाम” देने के समान है।
नेतन्याहू ने कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले किसी देश को इस तरह से बढ़ावा दिए जाने का काम नहीं करना चाहिए। यह कदम 7 अक्तूबर को हमारे देश में हुए नरसंहार को बढ़ावा देने जैसा है।
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद के लिए पुरस्कार नहीं दिया जाता और यह कदम हमे हमास के खिलाफ हमला करने से नहीं रोक सकता।
इजरायल का ऐक्शन
स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड के फिलिस्तीन को मान्यता देने पर इजरायल इस कदर भड़का हुआ है कि उसने इस तीनों देशों से तुरंत अपने राजदूत वापस बुला लिए। विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा, “मैं आज स्पष्ट संदेश भेज रहा हूं कि अगर कोई भी इजरायल की संप्रभुता को कमजोर करता है और इसकी सुरक्षा में दखलंदाजी करता है तो इजरायल उन लोगों के खिलाफ सख्ती बरतेगा।”
हमास और ईरान को इनाम दे रहे
काट्ज ने कहा, “आयरलैंड और नॉर्वे ने फिलीस्तीन को मान्यता देने का फैसला लेकर हमास और ईरान को इनाम देने का विकल्प चुना है। साथ ही दुनिया के सामने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद फ़ायदेमंद है जबकि इस आतंकवादी संगठन हमास ने यहूदियों का सबसे बड़ा नरसंहार और दुनियाभर में सबसे ज्यादा यौन अपराध किया है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए, “इज़रायल चुप नहीं रहेगा। इसके और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। स्पेन अगर फिलिस्तीन को मान्यता देने के इरादे पर कायम रहता है, तो उसके खिलाफ भी इसी तरह का कदम उठाया जाएगा।”
इजरायल ने फिलिस्तीन को सिर्फ दर्द दिया
उधर, फिलिस्तीन को मान्यता देने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने कहा कि वे औपचारिक रूप से अगले सप्ताह तक फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दें।
नॉर्वे ने तारीख की भी घोषणा की। पीएम ोनस गार स्तोर ने कहा कि 28 मई को फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दी जाएगी।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने कहा है कि नेतन्याहू दो-राष्ट्र समाधान को जोखिम में डाल रहे हैं। उन्होंने फ़लस्तीन पर इजरायल की नीति को दर्द और तबाही की नीति कहा है।