OBC प्रमाणपत्र पर हाई कोर्ट से फैसले से भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- आदेश नहीं मानूंगी…

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला लेते हुए पश्चिम बंगाल में ममता सरकार द्वारा 2010 के बाद अन्य पिछडा वर्ग (ओबीसी) के लिए जारी सभी प्रमाण-पत्रों को रद्द कर दिया।

जिससे करीब पांच लाख लोगों के प्रभावित होने का अनुमान है। हाई कोर्ट के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सीएम ममता बनर्जी ने इसे ‘भाजपा का फैसला’ करार दिया और कहा कि वे कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

दमदम लोकसभा क्षेत्र के लिए खड़दह में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा क्योंकि इससे संबंधित विधेयक संविधान की रूपरेखा के भीतर पारित किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लाया गया ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। हमने घर-घर सर्वेक्षण करने के बाद विधेयक बनाया था और उसे मंत्रिमंडल तथा विधानसभा ने पारित किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यदि जरूरत पड़ी, तो हम इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत जायेंगे।’’

भाजपा के खिलाफ 1000 करोड़ की मानहानि का मुकदमा कराएंगे
भाजपा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले इश्तहारों का प्रकाशन करने से रोकने वाले हाई कोर्ट के 20 मई के आदेश का जिक्र करते हुए ममता ने दावा किया कि ऐसे विज्ञापन अब भी सामने आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज करायेंगी। बनर्जी ने कहा, ‘‘अपनी उपलब्धियों के बारे में झूठ फैलाने तथा मेरे एवं मेरी परियोजनाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाने को लेकर मैं (भाजपा के खिलाफ) 1000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगी। मैंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में एक भी पैसा नहीं लिया है। और मैं पूरी धनराशि लोगों में बांट दूंगी।’’

टीएमसी चीफ ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर ओबीसी आरक्षण को रोकने की साजिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ लोग ओबीसी के हितों पर कुठाराघात करने के लिए अदालत गये और उन्होंने याचिकाएं दायर कीं एवं तब यह घटनाक्रम सामने आया है। भाजपा इतना दुस्साहस कैसे दिखा सकती है?’’ 

ममता बोलीं- सरकार वो चलाएंगी, न कि अदालत
ममता बनर्जी ने भाजपा से सवाल किया कि क्या सरकार उसके द्वारा चलायी जाएगी या अदालत के द्वारा? कलकत्ता कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में कई वर्गों को दिया गया ओबीसी का दर्जा रद्द करते हुए कहा है कि राज्य में सेवाओं और पदों में रिक्तियों में 2012 के एक अधिनियम के तहत ऐसा आरक्षण गैरकानूनी है।

ममता बनर्जी आगे कहा कि संदेशखाली में अपनी साजिश में विफल हो जाने के बाद भाजपा अब नयी साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वोट की राजनीति की खातिर, पांच साल सत्ता में बने रहने के लिए आप (भाजपा) ये सब चीजें कर रहे हैं।’’

ममता ने कहा कि यह तब हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद यदि सत्ता में आया तो वह अनुसूचित जाति (एससी)/जनजाति (एसटी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों का आरक्षण रद्द कर देगा।

ममता बोलीं- मुसलमान भी देश के नागरिक
तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘एससी, एसटी और ओबीसी को संविधान के मुताबिक अधिकार मिलते हैं। अल्पसंख्यकों के भी अपने अधिकार हैं।

क्या कोई कह सकता है कि वह हिंदुओं के फायदे के लिए ही कानून बनायेगा तथा मुसलमानों एवं अन्य समुदायों को छोड़ देगा।’’ उन्होंने भाजपा पर जाति, आरक्षण एवं धर्म की राजनीति करने तथा लोगों को बांटने का आरोप लगाया।

दमदम लोकसभा क्षेत्र के अगरपाड़ा में बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं? क्या एससी, एसटी, ओबीसी इस देश के नागरिक नहीं हैं? क्या ईसाई एवं अन्य अल्पसंख्यक इस देश के नागरिक नहीं हैं।

सभी के अपने अधिकार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ न्यायाधीश सेवानिवृति के बाद कहते हैं कि वे आरएसएस से जुड़े हैं, एक अन्य न्यायाधीश भाजपा के साथ अपने जुड़ाव को व्यक्त करते हैं एवं उम्मीदवार बन जाते हैं। ऐसे व्यक्ति कैसे निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं। ’’

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