पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह एक 17 वर्षीय किशोर के खिलाफ वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति लेंगे।
लग्जरी कार ने कल्याणी नगर इलाके में दो लोगों को कथित रूप से टक्कर मार दी थी। इससे उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि एक रियल एस्टेट डेवलपर का बेटा दुर्घटना के समय नशे में था।
उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
300 शब्दों का निबंध लिखेगा किशोर
कार चला रहे किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया और बोर्ड ने उसे जमानत दे दी।
बोर्ड ने किशोर को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का दौरा, सभी नियमों व विनियमों का अध्ययन करने और 15 दिनों के भीतर बोर्ड को एक निबंध प्रस्तुति प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। आदेश में कहा गया है कि किशोर सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान के विषय पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखेगा।
नशा मुक्ति केंद्र में भेजा जाना चाहिए
बोर्ड ने किशोर को 15 दिनों के लिए आरटीओ अधिकारियों की सहायता करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
बोर्ड ने यह भी कहा कि उसे शराब की लत से मुक्ति के लिए नशा मुक्ति केंद्र में भेजा जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, रविवार को ही हमने अदालत (बोर्ड) के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इसमें किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने और उसे ऑब्जर्वेशन होम में भेजने की अनुमति मांगी गई थी क्योंकि अपराध जघन्य है, लेकिन याचिका को खारिज कर दिया गया था।
हम अब उसी याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। इन मामलों की जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी। उन्होंने कहा, मामले को एसीपी स्तर के अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया है। हम इस मामले में एक विशेष वकील नियुक्त करेंगे।
दुर्घटना के समय किशोर नशे में
आयुक्त कुमार ने कहा कि उसकी रक्त जांच रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दुर्घटना के समय किशोर नशे में था।
बार के सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि किशोर शराब पी रहा था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि किशोर शराब पीने के बाद कार चला रहा था। हम इन सभी तथ्यों को अदालत में पेश करेंगे।