अपने दूत को इजरायल भेजकर रमजान के दौरान गाजा पर रुकवाई थी बमबारी; PM मोदी का बड़ा खुलासा…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान गाजा में बमबारी रोकने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार से आग्रह करने के लिए इजरायल में अपना एक दूत भेजा था।

इसके अलावा उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन और रूस-यूक्रेन सहित चल रहे वैश्विक संघर्षों पर अपनी सरकार के रुख के बारे में भी बताया है।

पीएम ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने रमजान के दौरान इजरायल को गाजा में बमबारी रोकने के लिए प्रयास किया था।

एक इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “रमजान का महीना था। मैंने अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा और उनसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को यह बताने और समझाने के लिए कहा कि कम से कम रमजान के दौरान गाजा में बमबारी न करें। इज़रायल ने हर संभव प्रयास किया इसका पालन किया जाए, लेकिन अंत में दो-तीन दिनों तक लड़ाई हुई।”

प्रधानमंत्री ने अपने खिलाफ सांप्रदायिक राजनीति के विपक्ष के आरोप का जिक्र करते हुए कहा, “आप मुझे मुसलमानों के मुद्दे पर घेरते रहते हैं, लेकिन मैंने इसे प्रचारित नहीं किया।” 

पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कुछ अन्य देशों ने भी बमबारी रोकने के लिए इजरायल से बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “उन्हें परिणाम भी मिल गए होंगे। मैंने भी कोशिश की थी।”

पीएम मोदी ने कहा कि वह सांकेतिक धर्मनिरपेक्षता में विश्वास नहीं करते। पीएम मोदी ने कहा, “पहले एक फैशन था कि अगर किसी को इजरायल जाना है तो फिलिस्तीन का दौरा करना जरूरी है। धर्मनिरपेक्षता करो और वापस आ जाओ। लेकिन मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।”

पीएम मोदी ने जॉर्डन के रास्ते फिलिस्तीन जाने के दौरान घटी एक घटना के बारे में बताया, “जब पैगंबर मुहम्मद के प्रत्यक्ष वंशज और जॉर्डन के राष्ट्रपति को पता चला कि मैं जॉर्डन के हवाई क्षेत्र होते हुए फिलिस्तीन जा रहा हूं तो उन्होंने मुझसे कहा ‘मोदी जी, आप इस तरह नहीं जा सकते हैं।

आप मेरे मेहमान हैं और मैं अपने हेलीकॉप्टर का उपयोग करूंगा। मैं रात के खाने के लिए उनके घर गया था, लेकिन हेलीकॉप्टर जॉर्डन का था और गंतव्य फ़िलिस्तीन था।

मेरे साथ इज़रायली फ्लाइट अटेंडेंट थे। तीनों अलग-अलग हैं लेकिन मोदी के लिए सभी एक साथ आसमान में आए। मेरा मानना है कि ऐसा तब होता है जब आपके इरादे अच्छे होते हैं।”

रूस-यूक्रेन विवाद पर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश जानते हैं कि भारत सही बात कहेगा। पीएम मोदी ने कहा, “अगर राष्ट्रपति पुतिन मेरी बहुत प्रशंसा करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनसे मिल नहीं सकता और उन्हें बता नहीं सकता कि यह युद्ध का समय नहीं है।

वह इस बात के लिए भी मेरा सम्मान करेंगे कि उनके पास कम से कम एक दोस्त है जो उन्हें स्पष्ट रूप से बताता है कि क्या सही है और क्या गलत है। यूक्रेन को भी मुझ पर और भारत पर उतना ही भरोसा है कि हम सही बात कहेंगे और अब तक हमने वही किया है।”

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