प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
ज्योतिषशास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है।
सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य है। सभी नक्षत्रों में इस नक्षत्र को सबसे अच्छा माना जाता है। सभी नए सामान की खरीदारी, सोना, चांदी की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है।
पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला। विद्वान इसे बहुत शुभ और कल्याणकारी मानते हैं। विद्वान इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह गाय का थन मानते हैं।
उनके विचार से गाय का दूध पृथ्वी लोक का अमृत है। पुष्य नक्षत्र गाय के थन से निकले ताजे दूध सरीखा पोषणकारी, लाभप्रद व देह और मन को प्रसन्नता देने वाला होता है। पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ या मांगलिक तारा भी कहते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
इस नक्षत्र में जिसका जन्म होता है वे दूसरों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, इन्हें दूसरों की सेवा एवं मदद करना अच्छा लगता है। इस नक्षत्र के जातक मेहनत और परिश्रम से कभी पीछे नहीं हटते और अपने काम में लगनपूर्वक जुटे रहते हैं।
पुष्य नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से जीवन में आगे बढ़ते हैं। ये मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। ये अपने जीवन में सत्य और न्याय को महत्वपूर्ण स्थान देते हैं।
ये किसी भी दशा में सत्य से हटना नहीं चाहते, अगर किसी कारणवश इन्हें सत्य से हटना पड़ता है तो, ये उदास और खिन्न रहते हैं। ये आलस्य को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते, व एक स्थान पर टिक कर रहना पसंद नहीं करते।
आज है पुष्य नक्षत्र- पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र 13 मई की सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो चुका है और 14 मई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।
आज के अन्य शुभ मुहूर्त-
- ब्रह्म मुहूर्त– 04:20 ए एम से 05:03 ए एम
- प्रातः सन्ध्या– 04:42 ए एम से 05:47 ए एम
- अभिजित मुहूर्त– 11:57 ए एम से 12:50 पी एम
- विजय मुहूर्त– 02:35 पी एम से 03:28 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त– 06:58 पी एम से 07:20 पी एम
- सायाह्न सन्ध्या– 07:00 पी एम से 08:04 पी एम
- अमृत काल– 06:14 ए एम से 07:57 ए एम
- निशिता मुहूर्त– 12:01 ए एम, मई 15 से 12:44 ए एम, मई 15
- सर्वार्थ सिद्धि योग– 01:05 पी एम से 05:46 ए एम, मई 15
- रवि योग– 05:47 ए एम से 01:05 पी एम