देशभर की सीमाओं पर क्यों मधुमक्खियों के छत्ते लगाने के सरकार ने दिए आदेश, जानें वजह…

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने और सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सभी केंद्रीय अर्धसैनिक और संबद्ध बलों को पश्चिम बंगाल में बीएसएफ यूनिट की तर्ज पर सीमा पर मधुमक्खियों के छत्ते लगाने का निर्देश दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह निर्णय अप्रैल में इस संबंध में हुई एक बैठक के दौरान लिया गया था, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने यहां नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में की थी। 

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 32वीं बटालियन द्वारा तैयार और कार्यान्वित मधुमक्खी छत्ता मॉडल की “सराहना” की गई।

उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को अपने-अपने क्षेत्रों में इसे अपनाने के लिए एक निर्देश जारी किया गया है। अधिकारी ने कहा कि अन्य सीमा प्रहरी बलों के पास सुरक्षा के लिए बाड़ नहीं हैं, लेकिन मॉडल का उपयोग उनकी ड्यूटी की प्रकृति के अनुसार किया जा सकता है। 

कुल मिलाकर लगभग 12 लाख कर्मियों वाले इन बलों को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा, नक्सल रोधी अभियान, आतंकवाद रोधी और उग्रवाद रोधी कर्तव्यों जैसे विभिन्न आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए तैनात किया गया है।

पिछले साल नवंबर से अब तक नदिया में बीएसएफ इकाई ने मवेशियों, सोने व मादक पदार्थों की तस्करी, बाड़बंदी काटने जैसे अपराधों को रोकने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से भारत-बांग्लादेश सीमा बाड़ पर मधुमक्खी के करीब 200 छत्ते स्थापित किए हैं।

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