उत्तराखंड चारधाम में यात्रियों की भारी भीड़ आ रही रही है। केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के बाद आज रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुल गए हैं।
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का भी इंतजाम है।
विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 12 मई को शुभ मुहूर्त पर सुबह 6:00 बजे पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है।
हजारों भक्त इस पावन पल के साक्षी बने। बदरीनाथ कपाट खुलने के मौके पर पहले दिन विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को बधाई दी है।
बदरीनाथ धाम में ब्रह्म बेला पर सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई।
हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाडो की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बद्री विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, उद्धव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया।
इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।
मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था।
कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी।
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का पूरी तरह से आगाज हो गया है।
कपाट खुलने के अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार,हक हकूकधारी एवं बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
यमुनोत्री बिना दर्शन लौटे यात्री
उत्तराखंड में शुरू होने के साथ चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर पहले दिन से वाहनों का भारी दबाव है।
जाम के कारण शनिवार को यमुनोत्री के यात्रा पड़ावों पर रोके गए कई यात्री बिना दर्शन किए लौट गए। पैदल मार्ग पर भी भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था रही।
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन शुक्रवार को जो यात्री यमुनोत्री गए थे, उनमें से अधिकांश तीर्थयात्री शाम को भी बड़कोट नहीं लौट सके।
इन यात्रियों ने बड़कोट में वापसी के लिए कमरे बुक कराए हुए थे। उसी दिन वापसी नहीं होने के कारण हनुमान चट्टी के पास जाम लगना बताया जा रहा है।
कई यात्रियों को वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी। हालांकि कुछ पड़ावों पर पुलिस ने वाहनों को रोक दिया था, ताकि यमुनोत्री में भीड़ न बढ़ सके।
इधर, शनिवार को दूसरे दिन जो रास्ते में यात्री जाम के कारण यमुनोत्री नहीं जा सके, वह दर्शन किए बगैर ये बड़कोट आ गए।
शनिवार को भी जानकी चट्टी में जाम लगता रहा। पुलिस ने पालीगाड़ में ही वाहनों को रोके रखा। यहां से रुक-रुक कर यात्री वाहनों को जानकी चट्टी के लिए छोड़ा गया।
बड़कोट में गुजरात से आए यात्री हीरेन भाई, सुशांत भाई, नवीन भट्टाचार्य आदि ने बताया कि कपाट खुलने पर यमुनोत्री धाम के दर्शन को आए थे।
लेकिन जाम में फंसने के कारण वे आगे नहीं जा पाए। इस कारण बिना दर्शन किए शनिवार को वापस लौट आए हैं।
एसएचओ बड़कोट संतोष कुंवर ने बताया कि पहले दिन भीड़ बढ़ने से दिक्कत जरूर हुई, लेकिन अब ऐसा नहीं है।