अक्षय तृतीया: शुक्र अस्त होने से नहीं बजेगी शहनाई, सोना-चांदी के आभूषण खरीदना होगा शुभ…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): 

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन यानी शुक्रवार को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी है।

वैसे तो यह दिन विशेष शुभकारी माना जाता है, लेकिन ग्रह-नक्षत्रों और शुभ योग के संयोग से बन रहे कई विशेष योग इस दिन को और अधिक शुभ बनाएंगे।

हालांकि गुरु और शुक्र तारा अस्त होने से शुभ कार्यों पर लगे प्रतिबंध इस तिथि पर मान्य नहीं होंगे। गुरु और शुक्र ग्रह को दापत्य जीवन का आधार माना गया है।

इन दोनों ग्रहों के अस्त होने से विवाह सहित मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

ज्योतिष विशेषज्ञ पं ध्रुव कुमार शास्त्री की मानें तो अक्षय तृतीया पर मंगलकारी सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। सोने की खरीदारी आप सुकर्मा योग में कर सकते हैं।

गुरु अस्त के कारण नहीं होंगे विवाह– अक्षय तृतीया के दिन पूरे साल में सर्वाधिक विवाह होते हैं। विवाह कार्यों के लिए यह दिन विशेष शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार गुरु शुक्र तारा अस्त होने के कारण इस अबूझ मुहूर्त में विवाह की संख्या न के बराबर रहेगी।

सोना-चांदी के आभूषण खरीदना शुभ– अक्षय तृतीया का दिन अति शुभ माना गया है। इस दिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती।

धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर ने देवी लक्ष्मी की पूजा की थी। इस पर माता लक्ष्मी ने उन्हें शाश्वत धन और समृद्धि का आशीर्वाद दिया था।

अक्षय तृतीया के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना गया है। इससे पूरे साल घर में सुख और समृद्धि आती है।

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