अंकिता तिवारी (जिला सह-संयोजिका, मातृ शक्ति,विश्व हिंदू परिषद्):
चुनाव नजदीक हैं और कांग्रेस पार्टी है कि समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं।
एक नये विवाद ने फिर से कांग्रेस पार्टी को घेर लिया है और इस बार बात है एक महिला के सम्मान की।
जी हां मैं बात कर रही हूं कांग्रेस पार्टी की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा की जिन्हें यह लिखने पर मजबूर होना पड़ गया कि “माता कौशल्या के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं है।”
दरअसल बात मंगलवार के दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की जांजगीर चांपा जिले में हुई सभा के बाद की बताई जा रही है।
सभा के बाद मीडिया से बयान देने को लेकर हुआ यह विवाद कांग्रेस कार्यालय,राजीव भवन में हुआ।राधिका खेड़ा प्रदेश के स्थानीय नेता और प्रवक्ताओं के साथ थीं जहां प्रदेश कांग्रेस संचार के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और राधिका खेड़ा के बीच विवाद हो गया और तीखी बहस के चलते विवाद इतना बढ़ गया कि बात की तू-तू मैं-मैं तक आ पहुंची और राधिका खेड़ा राजीव भवन से रोते हुए बाहर निकल गईं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करके उन्होंने अपनी व्यथा बताते हुए यह तक लिख डाला कि “माता कौशल्या के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं है।”
राजीव भवन के कमरे से एक महिला फोन में किसी के सामने फूट-फूट कर रो रही थी और कह रही थी कि “आज मेरे साथ जो हुआ है वह 40 सालों में नहीं हुआ, आज जो मेरी इंसल्ट हुई है,मुझ पर चिल्लाया गया है और उसका वीडियो तक बनाया गया इतना ही नहीं मुझे गेट आउट होने तक को कह दिया गया जब-जब मैं उससे बात करती हूं तो मुझे चिल्लाता है मैंने पहले भी आपको बताया था मैं पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं।”
इस तरह से फूट-फूट कर रोने और अपनी व्यथा बताने वाली महिला कोई और नहीं कांग्रेस पार्टी की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ही थीं।
इस बात ने इतना अधिक तूल पकड़ लिया कि एआईसीसी के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र भेज कर राधिका सुशील विवाद की रिपोर्ट मांगी है और बैज से 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है।
यहां यह बताना आवश्यक है कि पवन खेड़ा बुधवार को रायपुर आए थे और इस विवाद को करीब से जाना और राधिका से बात भी की और फिर दिल्ली लौटने के बाद यह पत्र भेजा है।
लोकसभा चुनाव के बीच में कांग्रेस पार्टी की इतनी बुरी दुर्गति है कि जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी को छोड़-छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी अपने बचे-खुचे नेताओं को भी संभाल पाने में असमर्थ है।
बात केवल इतनी ही नहीं है, सोचने के लिए मजबूर कर देने वाला विषय यह भी है कि जहां कांग्रेस पार्टी एक ओर पूरे देश की महिलाओं को लगभग ₹8000 + प्रतिमाह बांटने के खोखले दावे कर रही है क्या वह महिलाओं की इतनी ही सगी है कि उन्हें की पार्टी की नेशनल कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा जी को यह लिखना पड़ रहा है कि “कौशल्या मां के माइके में बेटी सुरक्षित नहीं है।”
चुनावी वादों के बीच में इस तरह कांग्रेस पार्टी की ही महिला कोऑर्डिनेटर के साथ होने वाले सर्वथा गलत रवैये से पूरे देश की महिलाओं को यह सीख लेने की आवश्यकता है कि कांग्रेस पार्टी की इतनी बड़ी नेत्री का तक जब कांग्रेस पार्टी सम्मान नहीं रख पा रही है तो वह देश की महिलाओं का क्या सम्मान करेगी।
यहां सोचने का विषय एक और है कि प्रदेश का एक व्यक्ति जिस महिला के साथ दुर्व्यवहार करता है वह महिला एक साधारण महिला नहीं कांग्रेस पार्टी की ही नेशनल कोऑर्डिनेटर है, यह घटना तीन प्रमुख बिंदुओं पर सोचने को मजबूर करती है पहला यह कि जिस महिला के साथ दोनों व्यवहार हुआ वह कांग्रेस की ही नेशनल बॉडी की एक प्रमुख कार्यकर्ता हैं।
दूसरा यह कि जब यह इतनी पहुंच रखने वाली महिला के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं तो साधारण महिला का जीवन कांग्रेस पार्टी के आने के बाद कहां तक सुरक्षित है।
तीसरा यह कि कांग्रेस पार्टी का एक प्रदेश स्तर का आदमी एक राष्ट्रीय स्तर की महिला के साथ यदि दुर्व्यवहार रख कर सकता है तो इस पार्टी के तथाकथित शिक्षित वर्ग को नैतिक शिक्षा देने की कितनी अधिक आवश्यकता है।
एक महिला और विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति की सहसंयोजिका होने के नाते मैं अंकिता तिवारी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कांग्रेस के नेताओं की कड़ी निंदा करते हुए यह कहना चाहती हूं की राधिका खेड़ा का अपमान समस्त स्त्री जाति का अपमान है और पूर्व मुख्यमंत्री यदि दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेस नेताओं के ऊपर कड़ी कार्रवाई नहीं करते तो विश्व हिंदू परिषद् की मातृ शक्ति एक महिला के सम्मान के लिए स्वयं खड़ी होगी।
यहां पूर्व मुख्यमंत्री यह भी पूछना चाहूंगी कि ऐसा क्या कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न सिर्फ अपनी ही पार्टी कांग्रेस की राष्ट्र स्तरीय पदस्थ महिला के सम्मान को दरकिनार कर दिया अपितु कौशल्या माता के मायके के विरुद्ध इतना सुनने के बाद भी क्यों वो कांग्रेस संचार के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला को अभी तक संरक्षण क्यों दे रहे हैं।
क्या कांग्रेस अब सिर्फ गलत नीतियों का साथ देने वाली पार्टी बनकर रह गई है। और क्या ये ही दुर्व्यवहार यही प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ होता तो भी वो ना सिर्फ इसी तरह चुप्पी साधे बैठे देखते रहते बल्कि दुर्व्यवहार करने वालों को संरक्षित करते रहते। क्या कांग्रेस पार्टी में महिलाओं के साथ सिर्फ दुर्व्यवहार ही किया जाता है।