लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार जोरशोर से चल रहा है।
विरोधी दल एक दूसरे पर जमकर बरस रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर रोजगार छीनने का आरोप लगाते हुए अपनी स्कीम बताई है।
राहुल गांदी ने दमन में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य करोड़ों लोगों को लखपती बनाना है। राहुल गांधी ने कहा कि अंकल (पीएम मोदी) ने आपका मूड खराब कर दिया है और मैं उसे ठीक करने आया हूं।
राहुल गांधी ने कहा, अगर मोदी जी 20-25 अरबपति बना सकते हैं तो कांग्रेस पार्टी करोड़ों लखपति बना सकती है। उन्होंने कहा, दिल्ली में सरकार आते ही हम प्रफुल्ल पटेल को यहां से दो मिनट में आउट कर देंगे।
यहां जो उसने भ्रष्टाचार किया है उनकी पूरी दादागीरी खत्म कर देंगे। राहुल गांधी ने कहा, मैं आपका मूड ठीक करने आया हूं जो मोदी जी ने अंकल जी ने खराब कर दिया है।
राहुल गांधी ने कहा, पहले हिंदुस्तान के हर परिवार की लिस्ट बनाई जाएगी और हर परिवार से एक महिला का नाम चुना जाएगा। उस महिला के बैंक अकाउंट में साल के एक लाख रुपये डाल देंगे।
हर महीने 8500 रुपये डाल दिए जाएंगे। एक तारीख को पैसे अकाउंट में आ जाएंगे। आप जानते हैं कि 21वीं सदी में महिला औऱ पुरुष दोनों काम करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा, दूसरा कदम यह होगा कि हर युवा को यह अधिकार होगा कि उसे एक साल की अप्रेंटिसशिप मिले। इसके दौरान एक साल में एक लाख रुपये मिलेगा। युवाओं को अधिकार होगा कि वे हक के साथ सरकार से कहें कि मुझे नौकरी दीजिए।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बनते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और मिनिमम सपोर्ट प्राइस की गारंटी का कानून बनाया जाएगा।
भाषण के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कहा कि वह संघ प्रमुख ही थे, जिन्होंने अतीत में आरक्षण को लेकर अपना विरोध व्यक्त किया था।
उनकी (आरएसएस की) पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रहे हैं और पार्टी में उनका स्वागत किया जा रहा है।
गांधी ने आरोप लगाया कि संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नेताओं को देश का ‘राजा’ बनाने और ‘20-22 अरबपतियों’ की मदद करने के लिए संविधान और विभिन्न संस्थानों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी जी और संघ देश पर पूर्ववर्ती साम्राज्यों की तरह शासन करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ ‘एक देश, एक भाषा और एक नेता’ (व्यवस्था) चाहते हैं।